कड़े कोरोना टेस्ट से गुजरकर ही आईपीएल खेल पाएंगे खिलाड़ी,सख्त होगी ट्रेनिंग,पास करने होंगे चार टेस्ट

Chief Editor
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दिल्ली।इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में 19 सितम्बर से 10 नवम्बर तक होने वाले आईपीएल के 13वें संस्करण में खिलाड़ियों और स्टाफ के लिए सख्त टेस्टिंग प्रक्रिया रखी है जिन्हें यूएई में ट्रेनिंग शुरू करने से पहले कम से कम चार टेस्ट पास करने होंगे और एक सप्ताह क्वारंटीन में रहना होगा।
आईपीएल ने टेस्टिंग प्रक्रिया का विवरण और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का ड्राफ्ट दस्तावेज फ्रैंचाइज़ी टीमों के साथ साझा किया है। एसओपी में बताया गया है कि 53 दिन के इस टूर्नामेंट के दौरान यात्रा, ठहरने और ट्रेनिंग के के लिए क्या करना होगा और क्या नहीं करना होगा। टूर्नामेंट के मैच तीन स्थलों दुबई, अबू धाबी और शारजाह में खेले जाएंगे।

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बीसीसीआई ने अभी टूर्नामेंट कार्यक्रम घोषित नहीं किया है और उसे भारत सरकार से टूर्नामेंट को यूएई में कराने के लिए औपचारिक मंजूरी का इंतजार है।समझा जाता है कि टीमों को न्यूनतम दल के साथ यात्रा करने को कहा गया है और वे 20 अगस्त के बाद से ही यात्रा कर सकते हैं। एसओपी में आईपीएल ने टीम के सदस्यों के परिवारों को यूएई की यात्रा करने की अनुमति दे दी है लेकिन उन्हें जैविक सुरक्षा वातावरण में रहना होगा। हालांकि इस मामले में अंतिम फैसला हर फ्रैंचाइजी का होगा। आईपीएल ने यह अनिवार्य कर दिया है कि हर टीम के साथ एक डॉक्टर होना चाहिए ताकि खतरे को कम रखने में फ्रैंचाइज़ी को मदद मिल सके और वह कोरोना को लेकर टीम को जागरूक रख सके।

एसओपी के अनुसार आईपीएल ने सभी फ्रैंचाइजी को कहा है कि यूएई के लिए रवाना होने से पहले सभी सदस्यों के दो टेस्ट होने चाहिए। ये दोनों टेस्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार 24 घंटे के अंतराल में कराने होंगे। ये टेस्ट उस शहर में कराने होंगे जहां खिलाड़ी और स्टाफ यूएई के लिए फ्लाइट पकड़ने से पहले एकत्र होंगे। दूसरे टेस्ट की वैधता कम से कम चार दिन यानी 96 घंटे रहनी चाहिए जिसमें यूएई में पहुंचने की तारीख शामिल है।

दोनों टेस्ट नेगेटिव आने पर ही खिलाड़ी और स्टाफ फ्लाइट पकड़ सकता है। यदि कोई संक्रमित होता है तो उसे भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार 14 दिन के अनिवार्य क्वारंटीन में रहना होगा। उसके बाद उस व्यक्ति को दो नए टेस्ट से गुजरना होगा और उनका परिणाम नेगेटिव आना चाहिए तभी वह यूएई में अपनी टीम के साथ जुड़ पायेगा।

टीम के यूएई पहुंचने के बाद सभी सदस्यों का हवाई अड्डे पर एक और टेस्ट होगा जिसके बाद ही वे टीम होटल पहुंचेंगे। यहां से आईपीएल का टेस्टिंग प्रोटोकॉल शुरू हो जाएगा। प्रोटोकॉल के अनुसार हर टीम को अपने होटल में सात दिन के अनिवार्य क्वारंटीन से गुजरना होगा। इस सप्ताह के दौरान हर सदस्य का तीन बार यानी पहले, तीसरे और छठे दिन टेस्ट होगा। इन सभी टेस्ट का परिणाम नेगेटिव आने के बाद टीम अपनी ट्रेनिंग शुरू कर सकती है। इसके बाद सभी टीम सदस्यों का टूर्नामेंट के दौरान हर सप्ताह के पांचवें दिन टेस्ट होगा।

आईपीएल ने खिलाड़ियों के परिवारों को यूएई की यात्रा करने की अनुमति दे दी है लेकिन उन्हें जैविक सुरक्षित वातावरण में रहना होगा, इस मामले में अंतिम फैसला फ्रैंचाइजी टीमों का रहेगा। जहां तक गैर भारतीय खिलाड़ियों और स्टाफ की बात है तो उन्हें यूएई में पहुंचने से पहले पिछले 96 घंटे के कोरोना टेस्ट के नेगेटिव परिणाम को साथ लेकर चलना होगा।

स्थानीय नियमों के अनुसार टूर्नामेंट के दौरान अबु धाबी की यात्रा करने वाले दल को पिछले 48 घंटों के नेगेटिव टेस्ट परिणाम को साथ लेकर चलना होगा। यदि अबु धाबी की यात्रा के दौरान साप्ताहिक टेस्ट परिणाम की अवधि समाप्त हो जाए तो टीम को नए टेस्ट कराने होंगे।

यदि टूर्नामेंट के दौरान कोई कोरोना पॉज़िटिव हो जाता है तो उस व्यक्ति को आइसोलेट किया जाएगा और उसी होटल के एक सेनेटाइज कमरे में रखा जाएगा। दिशा निर्देशों में यह साफ़ तौर पर कहा गया है कि जिस होटल में टीम ठहरी हो वहां कुछ ऐसे कमरे रखने होंगे जहां संक्रमित व्यक्ति को रखा जा सके।आईपीएल ने यह साफ़ तौर पर कहा है कि टूर्नामेंट के दौरान कोई भी व्यक्ति जैविक सुरक्षा वातावरण से बाहर नहीं जाएगा। सामाजिक दूरी का सख्ती से पालन करना होगा। टीम सदस्यों को भी नजदीकी संपर्क से बचना होगा।

खिलाड़ियों को कहा गया है कि होटल में अपने कमरों के बाहर वे हमेशा मास्क पहन कर रहें और अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें। यदि कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाता है तो एक्स-रे या स्कैन के लिए अस्पताल जाते समय वह सिर्फ अस्पताल जाए और बाहरी लोगों के संपर्क से बचे।दिशा निर्देशों के अनुसार सभी आठ टीमें अलग-अलग होटल में रहेंगी। फ्रैंचाइजी को कहा गया है कि वे अपनी टीम के लिए होटल या रिजॉर्ट बुक कर लें जहां किसी बाहरी को आने की अनुमति नहीं होगी। यदि ऐसा संभव नहीं हो पाता है तो वे ऐसी जगह रहें जहां अलग विंग, प्रवेश और निकास हो।

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