शिक्षक कोरोना योद्धा है तो 50 लाख का बीमा कवर क्यो नही?टीचर्स एसोसिएशन ने कहा-घर घर पढ़ाई अव्यवहारिक, सम्मान से ज्यादा जरूरी है संक्रमण से बचाएं

Chief Editor
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बिलासपुर।छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, प्रदेश सचिव मनोज सनाढ्य, प्रदेश कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक ने कहा है कि केंद्र ने 31 अगस्त तक स्कूल बंद रखने कहा है, छत्तीसगढ़ में स्कूल तो बन्द है, किन्तु अधिकारियो के दबाव में शिक्षक गांव के गली, मुहल्ला, चौक, चौराहा, गुड़ी, चौपाल, बरामदा, घर, पेड़ के नीचे, सड़क, मैदान, कोठार, स्कूल और स्कूल परिसर में बच्चो को समूह में बैठाकर पढ़ने – सीखने के लिए बुला रहे है।CGWALL News के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए

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छोटे – छोटे समूह में बच्चो को बैठाने के निर्देश शिक्षा विभाग ने ही दिए है, घर घर ही पढ़ाई की स्वप्रेरणा व उत्साह के निर्देश अधिकारियो के मनमर्जी से जबरदस्ती की व्यवस्था में परिणित हो जाएगा, जिससे अब शिक्षक व बच्चो में संक्रमण तेजी से फैलने की आशंका है, जो जानलेवा साबित हो सकता है।अभी के कोरोना संकट में घर घर पढ़ाई अव्यवहारिक तो है ही, साथ ही संक्रमण विस्तार का माध्यम भी बन सकता है, अतः शिक्षक के सम्मान से ज्यादा शिक्षक व बच्चो को संक्रमण से बचाये रखने की जरूरत है।

शिक्षा विभाग ने सभी कलेक्टर को पत्र लिखकर पारा मोहल्ला में जान जोखिम में डालकर पढाई कराने वाले शिक्षकों को कोरोना योद्धा मानते हुए सम्मान किये जाने को कहा है, पर जहां कोरोना डयूटी कर रहे सहायक शिक्षक विनोद पटेल के निधन पर अब तक 50 लाख का बीमा व अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान नही किया गया है, जबकि कोरोना में ड्यूटी दे रहे अन्य विभाग के कर्मचारियों के लिए शासन ने बीमा का प्रावधान बनाया है।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने घर घर पढ़ाई, पारा, मुहल्ला में विद्यार्थियों व शिक्षकों के एक साथ प्रत्यक्ष अध्ययन – अध्यापन को अव्यवहारिक व संक्रमण का खतरा बताते हुए वर्चुवल क्लास, दूरदर्शन, रेडियो, मिस्डकॉल, ब्लूटूथ, ऑनलाइन क्लास, रिकॉर्ड क्लास योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने की मांग की है ताकि बच्चे पढ़ने व सीखने से लगातार जुड़े रहें।

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