लिपिक संगठन ने किया ट्रेड यूनियन आंदोलन का समर्थन..पीआर ने कहा ..बर्दास्त नहीं करेंगे श्रमिक विरोधी नीति..पीएम को भेजा 7 सूत्रीय मांग

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने केन्द्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ एकता प्रदर्शित किया है। साथ ही ट्रेड यूनियन आंदोलन का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री को पत्र भी लिया है। कर्मचारी नेता पीआर यादव और जीआर चन्द्रा ने बताया कि आज हमने ट्रेड यूनियन आंदोलन के समर्थन में कलेक्टर के हाथों पीएम को सात सूत्रीय मांग पत्र भी सौंपा है। साथ ही एलान किया है कि श्रम विरोधि नीतियों को हरगिज बर्दास्त नहीं किया जाएगा।

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                 कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जिला प्रशासन को पीएम के नाम पत्र देने के बाद कर्मचारी नेता पीआर यादव और जीआर चन्द्रा ने पत्रकारों को बताया कि केन्द्र सरकार लगातार श्रमिक हितों को चोट पहुंचा रही है। दरअसल केन्द्र सरकार राज्य शासन कर्मचारियों के हितों के खिलाफ निर्णय ले रही है। निजीकरण के खिलाफ केन्द्रीय यूनियन ने अखिल भारतीय स्तर पर सात मांगों के साथ प्रदर्शन का एलान किया है। छत्तीसगढ़ मं छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने सात सूत्रीय मांग के साथ आंदोलन का समर्थन करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री से उम्मीद है कि श्रमिकों के हितों का ध्यान रखते हुए सात सूत्रीय मांग पर गंभीरता से विचार करेंगे।

                पीआर यादव ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री को दिए गए पत्र में सात सूत्रीय मांगों को गंभीरता से लेने को कहा गया है। प्रमुख मांगों में हमने सरकारी संस्थाओं और रेलवे निजीकरण के अलावा आउटसोर्सिंग के निर्णय को वापस लिए जाने की बात कही है। नई पेशन योजना को बन्द कर 2004 के पूर्व की योजना को लागू किए जाने का निवेदन किया है। केन्द्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के रोके गए महंगाई भत्तों का जल्द निराकरण करने को कहा है। रिक्त पदों पर जल्द से जल्द बेरोजगारों को भर्ती किये जाने के साथ ही सभी कोरोना वारियर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा योजना और बीमा कराए जाने को कहा है। 

             कर्मचारी नेता यादव और चन्द्रा ने बताया कि हमने प्रधानमंत्री से अनुरोध भी किया है कि कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार राज्य सरकारों को विशेष आर्थिक सहायता प्रदान करे। 

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