सहायक शिक्षक किसी की जागीर नहीं,टीचर्स एसोसिएशन ने कहा- एक वर्ग के नाम से केवल समूह बनाने से पूरी नहीं होगी मांग

Chief Editor
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बिलासपुर।छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि अगस्त क्रांति के दौरान लगातार हजारो सहायक शिक्षक साथियो का सहयोग व कॉल आ रहा है, उन्होंने माना है कि इस समय एसोसिएशन की मांग व रणनीति में उन्हें पूरा विस्वास है, क्रमोन्नति, पदोन्नति व वेतन विसंगति के मुहिम को उनका पूर्ण समर्थन है और वे आगे एसोसिएशन के साथ ही काम करेंगे। किसी का नाम सार्वजनिक मांगना छिछले व्यक्ति का काम है। सहायक शिक्षको को भरमाकर एक समूह बनाया गया, यह सोचिए गठन के बाद सहायक शिक्षको को क्या मिला,? क्या वेतन विसंगति के लिए कोई निर्णायक बड़ा हड़ताल हुआ,? क्या मुख्यमंत्री के आतिथ्य में सम्मेलन कर वेतन विसंगति दूर करने की घोषणा हुई,? अरे अभी तक किसी निर्णायक सचिव से डेलिगेशन की बात भी नही हुआ,? नेतागिरी के लिए गठित समूह नेतागिरी की शिकार हो गई। इसके 2 दरबारी पदाधिकारियो को 6 बार वेतन विसंगति दूर होने का अस्वासन मिल गया, और वे सहायक शिक्षको को वेतन विसंगति शीघ्र दूर होने की बात कहते रहे, इससे अच्छा तो अन्य समूह है, जिन्होंने सामने आकर अपने शिक्षक साथियो को ठगा नही।

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यह सही है – एक बड़े हड़ताल के बाद सहायक शिक्षको के मन मे शासन व कुछ शिक्षक समूह से मोह भांग हुआ और शिक्षको के संघ के इतर अलग समूह केवल वेतन विसंगति के मुद्दे पर बनाया गया, दुष्प्रचार के बल पर गठित इस समूह ने दुष्प्रचार के अलावा कुछ नही किया, जिस आक्रोश में यह समूह बना, उद्देश्यहीनता व नेतृत्व विहीन हो गया, सहायक शिक्षको के मन मे विसंगति की बात तो आई, पर वे समाधान बता नही सके,,इस समूह ने न ही प्रभावी बातें रखी और न ही प्रभावी हड़ताल ही की,, केवल आस्वासन की कि घुंटी पीते रह गए।मार्च से कोरोना काल मे एसोसिएशन ने लगातार संविलियन, क्रमोन्नति, पदोन्नति, वेतन विसंगति, पुरानी पेंशन, अनुकम्पा नियुक्ति, लंबित महंगाई भत्ता, 50 लाख कोरोना बीमा कवर की अपनी मांगों को विभिन्न माध्यम से सामने रखा है, घर से निकलकर मांगपत्र सक्षम कार्यालय में दिया गया है।

तथाकथित रहनुमा ने तब जाकर नकल कार्यक्रम में एक पोस्टर शुरू किया, समूह के द्वारा आज तक केवल आरोप ही लगाया गया, आरोप का सहारा लेकर कद नही बढ़ाया जा सकता, इसके लिए काम करने की आवश्यकता है।वेतन विसंगति के विषय को लेकर गठित समूह ने आज तक सरकार व शासन को प्रदेश में प्रचलित कोई भी वेतनमान का सुझाव तक नही दिया गया, जिससे यह तय है कि इनके पास थीम व विजन नही है, ये केवल हमारे सहायक शिक्षको को शब्दजाल में भरमा रहे है, हमारा यह निश्चित सोच है कि जनघोषणा पत्र में क्रमोन्नति का वादा है, साथ ही पदोन्नति के हजारो पद रिक्त है, जिसे शासन पूर्ण करने बाध्य होगी और यही सहायक शिक्षको के लिए बेहतर विकल्प होगा, वेतन विसंगति शिक्षा कर्मी भर्ती के पूर्व के वेतनमान से था, जो जटिल है, हमारी मांग है कि व्याख्याता – शिक्षक के समानुपातिक सहायक शिक्षको का वेतनमान निर्धारित किया जावे।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन द्वारा मुख्यमंत्री जी को 5 अगस्त को प्रदेश में, 10/11 अगस्त को सभी संभाग में ज्ञापन दिया गया है। समस्त जिला में मुख्यमंत्री जी को 17 से 20 अगस्त के बीच व ब्लॉक में 27/28/29 अगस्त को मांग पत्र दिया जाएगा।

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