नाराज किसान नेताओं ने कहा..धान खरीदी नीति में खोट..हटाई जाए राशन निरस्तीकरण की शर्त..22 क्विटंल एकड़ सरकार करे धान की खरीदी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—भारतीय किसान संघ छत्तीसगढ़ के नेताओं ने आज कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर धान खरीदी नियमों में संशोधन का विरोध किया है। किसान नेताओं ने बताया कि सरकार को धान खरीदी में राशन कार्ड निरस्तीकरण की प्रक्रिया को हटाना होगा। अन्यथा किसान सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे। 

             
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              भारतीय किसान संघ के बैनत तले और एक दर्जन से अधिक किसान मुंंह पर मास्क लगाए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। किसान नेता धीरेन्द्र दुबे की अगुवाई में किसानों ने धान खरीदी के समय शासन की राशन कार्ड निरस्तीकरण की प्रक्रिया को चेकमेट की राजनीति बताया है। धीरेन्द्र दुबे ने कहा कि सरकार को यह फरमान वापस लेना होगा। 

                  धीरेन्द्र ने जिला प्रशासन से शिकायत के बाद बताया कि हमने राशन कार्ड निरस्तीकरण प्रक्रिया को हटाए जाने के अलावा अन्य बिन्दुओं को सामने रखा है। हमने जिला प्रशासन को जानकारी दी है कि सकरी स्थित जिला सहकारी बैंक संबलपुरी किसानों के साथ धोखाधड़ी को लेकर जांच की कार्रवाई अभी तक पूुरी नहीं हुई है। जिसके चलते दोषी लोग आजाद घूम रहे है। इसके अलावा किसानों के खाते से निकाले गए रूपयों का अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। 

            धीरेन्द्र ने जानकारी दी कि जिला प्रशासन के संज्ञान में लाया गया कि जिले के विकासखण्डों में खाद्य की समस्या देखने को मिल रही है। शिकायत के बावजूद प्रशासन की तरफ से किसी प्रकार का प्रयास नहीं किया जा रहा है। बिजली की आपूर्ति नहीं होने से गांव  के गांव अंधेरे में डूबे हुए हैं। देखने में आया है कि कई बार शिकायत के बाद भी सप्ताह भर बिजली की आपूर्ति नहीं होती है। जिसके चलते किसान समेत आम नागरिकों को अंधेरे में जीवन यापन करने को मजबूर होना पड़ रहा है।

                  पत्रकारों को किसान नेता ने बताया कि प्रशासन को बताया कि सरकार ने रोका छेका अभियान चलाया है। लेकिन ज्यादातर ग्राम पंचायतों में गौठान नहीं है। गौठान निर्माण के लिए शासन को पंचायत स्तर पर राशि का एलान करना होगा। साथ ही हमने प्रशासन से  निवेदन किया है कि गौठान के लिए गांव के कुल रकबे से दस प्रतिशत जमीन को आरक्षित किया जाए।

          वहीं भाजपा नेत्री और जिला पंचायत सदस्य चांदनी भारद्वाज ने कहा कि हमारे प्रदेश में धान प्रमुख पैदावार है। धान की जमकर उपज होती है। इसलिए 15 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी की सीमा को बढ़ाकर 22 क्विटंल प्रति एकड़ किया जाना चाहिए । इसके अलावा धान खरीदी के लिए बनाए गए नए नियमों को खत्म किया जाए। जिसमें शर्त रखा गया है कि लघु एवं सीमांत किसान यदि साढें 37 और 75 क्विंटल धान की बिक्री करने राशन कार्ड निरस्त होगा। यदि इस नियम को नहीं हटाया जाएगा तो किसान सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे।

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