लाॅक-डाउन में एचआईवी पाॅजिटिव महिला का हुआ था सुरक्षित संस्थागत प्रसव,टीकाकरण कराने आती मां धन्यवाद देते नहीं थकती

Chief Editor
4 Min Read

महासमुंद-जिला स्वास्थ्य की एक अद्वितीय उपलब्धि जो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पटेवा ने अर्जित की। कोविड-19 महामारी की सुरक्षा के मद्देनजर पिछले दिनों लाॅक-डाउन की स्थिति के दौरान एक संयोग ऐसा बना। जब एच.आई.वी. से संक्रमित एक गर्भवती महिला का प्रसव होना था। स्वास्थ्य विभाग की कोशिशें कामयाब रहीं और संस्थागत सुरक्षित प्रसव करा लिया गया। अब शिशु के लिए सामान्य भावी जीवन के सपने संजोती मां जब उसे टीका लगवाने के लिए आती है तो चिकित्सा विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को सह्नदय धन्यवाद देते नहीं थकतीं।उल्लेखनीय है कि जुलाई के माह में एच.आई.वी. से पीड़ित पटेवा आस-पास की एक स्थानीय गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। इस बीच क्षेत्र में लाॅक-डाउन के चलते कई तरह की बंदिशें थीं। ऐसे में ईलाज के लिए कहां जाएं, क्या करें की सोच में पड़ी इस किसान दंपत्ति को कुछ सूझ नहीं रहा था। इस दौरान एकीकृत परामर्श एवं परीक्षण केन्द्र (आई.सी.टी.सी.) महासमुंद, अहाना कार्यक्रम के एफ.ओ. श्री हेमचंद मांझी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पटेवा की अनुभवी एल.एच.व्ही. श्रीमती मीना चंद्राकर ने उन्हें हाथों-हाथ लिया।CGWALL NEWS के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने में लिए यहां क्लिक कीजिये

Join Our WhatsApp Group Join Now

जिन्होंने प्रकरण की गंभीरता को समझते हुए चुनौतियों को स्वीकार कर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पटेवा में ही प्रसव कराना सुनिश्चित किया। अनुभवी मार्गदर्शन और पूर्ण देख-रेख में गहन चिकित्सकीय प्रयासों के तहत जांच से लेकर नेवरा सिरप आदि आवश्यक दवा पिलाने सहित उचित परामर्श और प्रसव सेवाओं के लिए सेफ डिलिवरी किट का इस्तेमाल करने जैसे जरूरी उपचार दिए गए। देखते ही देखते ही 04 जुलाई 2020 का दिन आ गया। जब स्वस्थ किलकारी ने गूंज की और एच.आई.वी. पाॅजिटिव गर्भवती माता ने सुरक्षित तौर पर नवजात शिशु के रूप में एच.आई.वी. निगेटिव बालक को जन्म दिया।

आम प्रकरणों की तरह इन्हें भी डिलिवरी के बाद महज तीन दिवसों में डिस्चार्ज किया गया। दो किलो 700 ग्राम के स्वस्थ शिशु को देख दंपत्ति की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, जो आज तलक उसी निरंतरता में बरकरार है। वर्तमान में, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं और माता का ए.आर.टी. उपचार जारी है। अब जब निर्धारित तिथियों में मां अपने शिशु को लेकर टीकाकरण के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आती है, तो स्वास्थ्य अमले के प्रति आभार व्यक्त करते हुए साथ में स्वयं के लिए भी आवश्यक दवाएं ले जाती है।

इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एस.पी. वारे ने कहा कि जिला स्वास्थ्य सेवाओं में यह बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। इससे न केवल पीड़ित परिवार में वर्षों बाद खुशहाली आयी है, बल्कि जिले में एच.आई.वी. संक्रमित दंपतियों में भी अपनी भावी पीढ़ी को सुरक्षित जीवन देने की उम्मीद जगी है। विषम परिस्थितियों के बावजूद सुरक्षित प्रसव कराने में सफलता मिलना निःसंदेह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पटेवा के लिए बड़ी उपलब्धि है। विशेषकर कोविड-19 के दौर में इस तरह के संवेदनशील प्रकरणों में उत्कृष्ट प्रदर्शन अनुकरणीय एवं सर्वत्र प्रशंसनीय है।

close