बिलासपुर—छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की तीन खंडपीठ गठन की मांग का मामला तूल पकड लिया है। कोटा विधायक रेणु जोगी का विधानसभा में हाईकोर्ट को लेकर अशासकीय संकल्प लाने का बयान का भारी विरोध हो रहा है। जानकारी मिल रही है कि कोटा विधायक डॉ रेणु जोगी अब अपने बयान से पलट गयी हैं। जानकारी के अनुसाार अब कोटा विधायक रेणु जोगी ने बयान दिया है कि ऐसा प्रस्ताव उनकी जानकारी के बिना कार्यालय से कैसे चला गया जानकारी नहीं है।
छत्तीसगढ जनता कांग्रेस कोटा विधायक डॉ जोगी के कार्यालय से जारी एक बयान में मीडिया प्रमुख इक़बाल अहमद रिजवी ने कहा था 3 साल पहले डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव ने रायपुर, जगदलपुर और अम्बिकापुर में हाईकोर्ट की खंडपीठ स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था। प्रस्ताव को सर्व सम्मति से पारित किया गया था। स्वीकृति के बाद तत्कालीन भाजपा सरकर ने आगे कोई पहल नहीं की और न ही डेढ़ साल बीत जाने के बाद कांग्रेस सरकार ने कोई कदम उठाया। इसे देखते हुए डॉ रेणु जोगी ने प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने के लिये अशासकीय प्रस्ताव विधानसभा के अगले सत्र में लाने के लिये रखा है।
डॉ. जोगी की ओर से यह बयान आने के बाद बिलासपुर के अधिवक्ताओं में रोष फैल गया है। अधिवक्ताओं ने कहा कि इसका विरोध करेंगे। ईकोर्ट के किसी भी तरह के विखंडन के खिलाफ आंदोलन करेंगे।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट प्रैक्टिसिंग बार एसोसिएशन अध्यक्ष संदीप दुबे ने एक दिन पहले बयान जारी कर कहा कि उनकी लाश पर ही हाईकोर्ट का विखण्डन होगा। आज एक बार फिर संदीप दुबे ने बयान जारी कर कहा है कि चूंकि विधानसभा में हाईकोर्ट के विखण्डन को लेकर अशासकीय संकल्प लाया गया है। कोटा विधायक ने हाईकोर्ट के विखण्डन को लेकर किसी प्रकार की बयान दिए जाने को लेकर इंकान भी कर दी है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर रेणु जोगी का अशासकीय संकल्प किसने लाया। और संकल्प पर किसने दस्तखत किया है।
संदीप दुबे समेत हाईकोर्ट प्रैक्टिसिंग बार एसोसिएशन के पदाधिकारी, राजेश केशरवानी, गुरुदेव शरण, सलीम काजी ने मामले में एसआईटी जांच की मांग की है। संदीप दुबे ने कहा कि कोटा विधायक ने हाईकोर्ट खण्डपीठ को लेकर अशासकीय संकल्प लाने को लेकर अनभिज्ञता जाहिर की है। उन्होने यह भी कहा कि खण्डपीठ को लेकर किसी प्रकार का बयान भी नहीं दिया है। जाहिर सी बात है कि कुछ गड़ब़ड़ी जरूर है। इसलिए मामले में एसआईटी जांच की जरूरत है। इसके बाद दोषी चेहरा सामने आ जाएगा।
अशासकीय संकल्प की जानकारी नहीं–रेणु जोगी
बताते चलें कि हाईकोर्ट खण्डपीठ को लेकर अशासकीय संकल्प लाए जाने पर रेणु जोगी ने बयान दिया है कि बीते कुछ दिनों से दिल्ली में हैं। ऐसा कोई प्रस्ताव उनके कार्यालय से विधानसभा में कैसे चला गया। इसकी उन्हें जानकारी नहीं है।
एसआईटी जांच की मांग–संदीप दुबे
हाईकोर्ट प्रैक्टिसिंग बार एसोसिएशन अध्यक्ष संदीप दुबे ने कहा कि जोगी परिवार का पिछले 20 सालों से विवादों से नाता रहा है। इस बात की सबको जानकारी है। अब नया विवाद सामने आ गया है। कोटा विधायक ने हाईकोर्ट खण्डपीठ मामले में अनभिज्ञता जाहिर की है। बावजूद इसके विधानसभा में अशासकीय संकल्प लाया गया है। ऐसा कोटा विधायक के हस्ताक्षर के बाद ही संभव है। सवाल उठता है कि जब कोटा विधायक को जानकारी नहीं है तो उनके हस्ताक्षर से संकल्प विधानसभा तक पहुंचा कैसा। निश्चित रूप से यह जांच का विषय है। मामले में एसआईटी की जांच की मांग करेंगे। दोषी चेहरा खुद ब खुद सामने आ जाएगा।
शिकायत होने पर उठाएंगे कदम–डॉ.चरणदास महंत
विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत ने कहा कि अशासकीय संकल्प की शिकायत को लेकर मामला उनके सामने नहीं आया है। हल्ला सब कुछ बाहर है। यदि संकल्प को लेकर किसी प्रकार की शिकायत विधानसभा में पहुंचा तो जरूर उचित कदम उठाया जाएगा। सदन से बाहर क्या कुछ हो रहा है इससे कुछ लेना देना नहीं है।