देशभर से छात्रों ने मांग की है कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए सीबीएसई के कंपार्टमेंट की परीक्षाएं रद्द की जाएं और यूजीसी-नेट, क्लैट, एनईईटी और जेईई की प्रवेश परीक्षाएं स्थगित की जाएं। परीक्षाओं को रद्द करने की मांग करते हुए 4000 से अधिक छात्रों ने दिन भर की भूख हड़ताल में हिस्सा लिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को छात्रों के ‘मन की बात’ सुननी चाहिए और ‘किसी स्वीकार्य समाधान’ पर पहुंचना चाहिए। उनकी पार्टी ने मांग की कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) टाल दी जानी चाहिए। वामपंथी दलों के समर्थन वाले ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आईसा) ने छात्रों की मांगों के प्रति एकजुटता दर्शाई है।
आईसा के मुताबिक 4200 से अधिक छात्रों ने अपने घरों पर दिन भर की भूख हड़ताल करते हुए दसवीं और 12वीं कक्षाओं के सीबीएसई के कंपार्टमेंट की परीक्षाएं और यूजीसी-नेट, क्लैट, एनईईटी और जेईई को स्थगित करने की मांग की। छात्रों ने ट्विटर पर ‘कोविड में परीक्षा के खिलाफ सत्याग्रह’ हैशटैग से मुहिम चला रखी है और सरकार से मांगों पर ध्यान देने की अपील की है। कर्नाटक से जेईई के उम्मीदवार मनोज एस. ने कहा, ‘‘हमें सुबह सात बजे जेईई परीक्षा केंद्र पर रिपोर्ट करनी है। मेरा केंद्र करीब 150 किलोमीटर दूर है और वर्तमान में ट्रेन या बस की सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं। मेरे कई दोस्तों ने बताया कि उनके परीक्षा केंद्र 200 से 250 किलोमीटर दूर हैं। हम कैसे यात्रा करेंगे? हम सात से आठ घंटे तक मास्क पहनकर परीक्षा कैसे देंगे?’’