मनमानी ट्यूशन फीस के खिलाफ अभिभावकों की याचिका..कोर्ट को बताया..बाज नहीं आ रहे स्कूल संचालक

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- ट्यूशन फीस के नाम से त्रैमासिक शुल्क और विद्यालय शुल्क की वसूली के खिलाफ अभिभावकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। अभिभावकों ने याचिका में बताया कि ट्यूशन फीस को लेकर हाईकोर्ट के आदेश को स्कूल संचालक गलत तरीके से अभिभावकों के सामने पेश कर रहे है। साथ ही मनमानी शुल्क की वसूली कर रहे हैं।
 
           ट्यूशन फीस की मनमानी वसूली के खिलाफ अभिभावक संघ ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। अभिभावक संघ के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि ट्यूशन के नाम पर मनमानी वसूली के खिलाफ उनके साथ पवन ताम्रकार और  अनिल पाठक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
 
           मनीष अग्रवाल ने बताया कि निजी स्कूलों के खिलाफ ट्यूशन फीस के नाम पर मनमनी वसूली को लेकर अभिभावकों की तरफ लगभग 15-20 लोग याचिका लगाने का फैसला किया है। अभिभावक को शासन प्रशासन अधिकारीयों से निराश मिली है। अब उच्च न्यायालय से ही न्याय की उम्मीद। 
 
              मनीष ने बताया कि फीस को लेकर हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया कि पालकों से केवल ट्यूशन फीस लिया जाए। आदेश के बाद निजी संचालकों ने नई चाल चलते हुए ट्यूशन फीस को ना केवल बढ़ा दिया है बल्कि हाईकोर्ट आदेश को तोड़मरोड़ कर अभिभावकों के सामने पेश किया है। डरे सहमें अभिभावक निजी स्कूल संचालकों को ट्यूशन फीस के नाम पर मनमनी को बर्दास्त करने के लिए मजबूर है।
 
      अभिभावक संघ ने याचिका के माध्यम से सभी निजी स्कूलों की फीस अनुमोदित किए जाने की मांग की है। हमने हाईकोर्ट से गुहार लगाई है कि निजी अशासकीय स्कूलों को शासन प्रशासन और बोर्ड के नियमों का पालन करने को कहा जाए।
 
           मनीष ने बताया कि उच्च न्यायालय ने शिक्षण शुल्क को लेकर स्पष्ट निर्देश दिया है। बावजूद निजी स्कूल संचालक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे है। ट्यूशन फीस की नई परिभाषा गढ़कर मोटी राशि वसूल रहे हैं यह जानते हुए भी कि पहले सामान्य दिनों में छः से सात कालखंड होते थे। वर्तमान में केवल दो या तीन कालखंड होते है। वह भी आनलाइन और कुछ घंटों की।
         
         चिंता जाहिर करते हुए  अध्यक्ष ने कहा कि मोबाइल के उपयोग से अभिभावकों पर अलग से बोझ पड़ रहा है। बच्चों की आदत खराब हो रही है। उपर से शिक्षण संस्थाओं ने पूरे शुल्क की मांग कर अभिभावकों की चिंता को बढ़ा दिया है। 
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