EWS जमीन पर अवैध निर्माण..PR की याचिका पर हाईकोर्ट की रोक..अब 4 सितम्बर को होगी सुनवाई

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-अज्ञेय नगर कॉलोनी में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए सुरक्षित भूमि पर अवैध निर्माण पर  हाई कोर्ट ने रोक लगा दिया है। बिलासपुर सहकारी गृह निर्माण समिति की तरफ से संचालक पीआर यादव ने निर्माण कार्य पर रोक लगाए जाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका किया गया था। हाईकोर्ट ने ईडब्ल्यूएस की भूमि में अवैध निर्माण पर रोक लगाते हुए अगली सुनवाई  4 सितंबर को निश्चित किया है। निर्धारित तारीख को होईकोर्ट ने सभी पक्षों को जवाब देने का आदेश भी दिया है।
 
           बिलासपुर सहकारी गृह निर्माण समिति मर्यादित ने 989 में अज्ञेय नगर कॉलोनी का निर्माण किया। 13 दिसंबर 1992 को कॉलोनी का हस्तांतरण नगर पालिक निगम बिलासपुर को किया गया। नियमानुसार कॉलोनी की कुल जमीन का 15% यानि 1 एकड़ 9 डिसीमिल जमीन आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग के व्यक्तियों को आवंटित करने के लिए आरक्षित रखा गया था। लेकिन राज्य शासन और नगर निगम ने कॉलोनी बनने के 30 साल बाद छोड़ी गयी जमीन का आवंटन आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग के पात्र व्यक्तियों को नहीं किया ।
 
   संस्था की तरफ से मामले की शिकायत नगर निगम से की जाती रही है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए सुरक्षित रखी गई जमीन पर अतिक्रमण किया जा रहा है। बावजूद इसके जिम्मेदार लोगों की तरफ से निर्माण कार्य पर किसी प्रकार का रोक नहीं लगाया गया। 
 
               इस दौरान वर्तमान समय तक आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए सुरक्षित रखी गई जमीन पर अवैध कब्जा कर निर्माण कार्य को लेकर नगर निगम, कलेक्टर और पुलिस से कई बार शिकायत की गई। कोई कार्यवाही नहीं होने पर बिलासपुर सहकारी गृह निर्माण समिति की तरफ से संचालक पीआर यादव ने उच्च न्यायालय में याचिका पेश किया। समिति की तरफ से  वकील राजीव श्रीवास्तव ,निगम की तरफ से अनुमेह श्रीवास्तव और शासन की ओर से विवेक रंजन तिवारी के तर्कों को सुनने के बाद न्यायालय ने संबंधित पक्षों को जवाब देने का निर्देश दिया।
 
           हाईकोर्ट ने आदेश दिया गया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित भूमि पर कोई निर्माण कार्य नहीं किया जाए । स्थिति को यथावत रखें। प्रकरण में अगली सुनवाई 4 सितंबर को होगी। निर्धारित तारीख को सभी लोग अपना पक्ष रखेंगे।
 
        गृह निर्माण समिति ओर से भारती वाधवानी ने बताया कि 21 मई से ईडब्ल्यूएस की जमीन पर अवैध रूप से निर्माण का कार्य किया जा रहा है । याचिका पर सुनवाई के दौरान ऋतुराज स्टील कंपनी की ओर से अधिवक्ता विवेक शर्मा ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि निर्माण कार्य उनके द्वारा कराया जा रहा है।
 
             जानकारी हो कि बिलासपुर शहर में गृह निर्माण समिति और कॉलोनाइजर्स द्वारा छोड़ी गई ईडब्ल्यूएस की कई एकड़ जमीनों को निगम ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आवंटित नहीं किया। इसके चलते इन जमीनों पर भूमाफिया अवैध रूप से काबिज कर भवन निर्माण कर बेच रहे हैं।
   
             पीआर यादव ने बताया कि बिलासपुर गृह निर्माण समिति ने अज्ञेय नगर के अलावा डी पी चौबे नगर में 1.06 एकड़ ,स्वर्ण जयंती नगर में 0.68 एकड़  और इसी तरह अन्य कालोनियों में ईडब्ल्यूएस के लिए जमीन छोड़ी गई है। शहर के बड़े कॉलोनाइजर्स गीतांजलि सिटी, रामा लाइफ सिटी, परिजात, बाबजी पार्क आदि जगहों में छोड़ी गई ईडब्ल्यूएस की आरक्षित जमीन को नगर निगम कमजोर वर्गों के व्यक्तियों को आवंटित नहीं किया। जिसके चलते अतिक्रमण/ अवैध कब्जे की अनेक शिकायतें हैं।
 
                 कॉलोनाइजर नियम के अनुसार  कुल कॉलोनी निर्माण भूमि का 15% भूमि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो के लोगों के लिए आरक्षित की जाएगी। जमीन नगर निगम को सौंपा जाएगा और वह पात्र व्यक्तियों को आवंटित करेगा।  गंदी बस्ती सुधार और निर्मुलन अधिनियम 1976 के अनुसार जिला स्तरीय समिति इन जमीनों का आवंटन करती थी। लेकिन 1998 में कॉलोनाइजर रूल आने के कारण इस जमीन को कमजोर वर्ग के लोगों को आवंटन का अधिकार नगर निगम को दिया गया।
 
         नगर निगम आर्थिक रुप से कमजोर वर्गों को भूमि आवंटित नहीं कर भू -माफियाओं को अतिक्रमण का अवसर दे रहा है और मूकदर्शक बना हुआ है।
पीआर यादव
संचालक, बिलासपुर सहकारी गृह निर्माण समिति
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