कांग्रेस नेताओं ने कहा..देश कोरोना से परेशान..लोग बचने की कर रहे जतन.. आखिर पीएम क्यों कर रहे परीक्षा की जिद

BHASKAR MISHRA
6 Min Read
बिलासपुर—-ज़िला कांग्रेस कमेटी  शहर और ग्रामीण ने एनएसयूआई के साथ नेहरू चौक में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर  जमकर निशाना साधा।सितम्बर में आयोजित होने वाली JEE और NEET परीक्षा  की तारीख को लेकर विरोध किया। उपस्थित कांग्रेस नेताओं ने बारी बारी से संबोधन भी किया। इसके बाद कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जिला प्रशासन को राष्ट्रपति ते नाम मांग पत्र भी दिया।
 
                   नेहरू चौक में संयुक्त धरना प्रदर्शन में सभी नेताओं ने केन्द्र सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया। जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र अपने मन की बात जनता को सुना रहे है। लेकिन छात्र और अभिभावकों की बात नही सुनने को राजी नही हैं। समूचा देश कोविड 19 महामारी से जूझ रहा है। जान के लाले पड़े हैं। देश मे कोविड को लेकर अनिश्चितता और भय का वातावरण है। देश आर्थिक संकट से गुजर रहा है। ,कल कारखाने बन्द है। बेरोजगारी चरम  पर है। स्कूल कालेज समेत बड़ी बड़ी परीक्षाएं रद्द कर दी गयी है। छात्रों को जनरल प्रमोशन दे दिए गए। राज्य और केंद्र के अनेक एंट्रेंस एग्जाम नही हुए। लेकिन ऐसी कौन सी परिस्थिति  बन गई कि केवल JEE और NEET की परीक्षा सितम्बर में ही  कराने के लिए केंद्र सरकार बाध्य है ?
 
         विजय ने कहा कि कोविड 19 के कारण स्वयं केंद्र सरकार ने रेल सेवा को बन्द रखा है। होटल,लॉज बन्द है। वर्तमान स्थिति में भारी वर्षा के कारण जन -जीवन अस्त व्यस्त है। ,देश मे लगभग 33 लाख लोग कोविड से संक्रमित है। 60 हजार से अधिक मर चुके हैं। लेकिन केंद्र सरकार का ध्यान न होकर  jee और NEET की परीक्षा आयोजन पर है। गरीब बच्चे जो आर्थिक कारण दूर नही जा सकते उन्हें भी परीक्षा से वंचित करने का केंद्र सरकार की साजिश है। केंद्र सरकार अपनी तानाशाह प्रवृत्ति को छोड़े और छात्रों के जीवन से खिलवाड़ करने से बाज आए। परीक्षा को कम से कम दो माह आगे बढ़ाए।
 
        शहर अध्यक्ष प्रमोद नायक ने कहा कि नरेंद्र मोदी का निर्णय अदूरदर्शी  है। कभी कहते है  नोटबन्दी के लिए 100 दिन ,कोविड के लिए 21 दिन चाहिए।  सब ठीक हो जाएगा । ठीक उसी तरह सितम्बर माह में JEE और NEET की परीक्षा का निर्णय है।  यदि इस दौरान कोई बच्चा संक्रमित होता है तो उसे परीक्षा से वंचित होना पड़ेगा,या परीक्षा के बाद संक्रमित होता है तो फिर उस सेंटर के सभी बच्चे जो अलग अलग प्रान्तों से होंगे उनके लिए समस्या है। केन्द्र सरकार छात्रों के जीवन से खेल रही है।  मानसिक प्रताड़ना दे रही है। समझ से परे है कि परीक्षा आय़ोजन को लेकर केंद्र सरकार के फैसले से विदेशी शिक्षाविद खुश है। जब राज्य सरकारे PET, PAT, PMT, की परीक्षा लेने से इंकार कर चुकी है। केंद्र सरकार ने भी क्लेट,कैट,समेत कई परीक्षा नही ली है। समझ से परे है कि अब  JEE और NEET ही परीक्षा पर क्यों जोर दे रही है ?
 
         विधि कांग्रेस प्रमुख संदीप दुबे ने कहा कि  JEE और NEET में लगभग 25 लाख  छात्र पंजीकृत है। लोगो की अच्छी तरह से पता है कि सभी बच्चे आर्थिक रूप से मजबूत नही हैं। परीक्षा केन्द्र अलग अलग प्रान्तों में बड़े शहरों में में ही है। साधन विहीन छात्र उस केंद्र तक कैसे पहुंचेगें। ऐसा लगता है नरेंद्र मोदी को बच्चों के भविष्य से कोई लेना-देना नही है । सिर्फ अपनी जिद्द को थोपना चाहते है। संदीप ने कहा कि देश  आर्थिक मंदी,बेरोजगारी से गुजर रहा है। केन्द्र सरकार राष्ट्रीय सम्पत्तियों को निजी हाथों बेच रही है। विदेश नीति पूरी तरह से असफल है। पड़ोसी आंख तरेर रहा है। ,भ्रष्टाचार,कालाधन बढ़ रहे है। केन्द्र सरकार सभी क्षेत्रों में असफलता के झण्डे गाड़ रही है। कम से कम प्रधानमंत्री को बच्चों पर दया करनी चाहिए। क्योंकि बच्चों की जिन्दगी देश के लिए बहुमूल्य है।
 
          एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष तनमीत छाबड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री छात्र और शिक्षा दोनों को बर्बाद करने में लगे है। पहले नई शिक्षा नीति लाये। जिसमे छात्रों की हित नजर नही आता। अब JEE और NEET के नाम पर छात्रों को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है । वर्तमान स्थिति अनुकूल नही है।  न ही परीक्षा का वातावरण ही है। सितम्बर में ही परीक्षा के लिए अड़ियल बनना प्रजातन्त्रवादी नीति के खिलाफ है। परीक्षा को दो माह आगे करने से कोई अंतर नही पड़ने वाला है। केंद्र सरकार को चाहिए कि परीक्षा को स्थगित कर भविष्य में आयोजित करे। जब वातवरण अनुकूल हो।
 
          एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में कांग्रेस प्रवक्ता ऋषि पांडेय,विधि प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष सन्दीप दुबे, ब्लाक अध्यक्ष विनोद साहू,कार्यालय सचिव सुभाष ठाकुर,एनएसयूआई के प्रदेश सचिव लक्की मिश्रा,अल्ताफ अली,नाजिम खान,सिद्धांत बत्रा,विवेक साहू ,आईटी सेल के अध्यक्ष अनिल शुक्ला,अर्जुन सिंह,अनिल यादव,अजय काले,धनन्जय यादव,उपस्थित थे।
close