रायपुर—पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने रायपुर में पत्राकरों से एक बयान में कहा है कि भाजपा शासित राजस्थान प्रदेश में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी उमराव सलोदिया की वरिष्ठता को केवल इसलिये नजरअंदाज कर दिया गया क्योंकि वह दलित है। एक दलित को राजस्थान सरकार ने मुख्य सचिव वरिष्ठता होते हुये भी नहीं बनाया। इससे यह सिद्ध होता है कि भाजपा दलितों के प्रति निम्नस्तरीय मानसिकता रखती है। एक तरफ दलितों के मसीहा बाबा साहब अम्बेडकर को महिमा मंडित करने का दिखावा किया जा रहा है। तो दूसरी तरफ दलित अधिकारियों को अपमानित किया जा रहा है।
उन्होने कहा कि जब दलित को कोई महत्वपूर्ण पद वरिष्ठता रखने के बावजूद देने की बात आती है, उस समय दलितों की अनदेखी की जाती है। उमराव सलोदिया का प्रकरण भाजपा शासित सरकार में दलितों की उपेक्षा का ज्वलंत उदाहरण है।
जोगी ने कहा कि दलित आईएएस अधिकारी की वरिष्ठता को राजस्थान की भाजपा सरकार ने जानबूझकर नजरअंदाज किया है। जो निंदनीय है। उमराव सलोदिया के स्वेच्छा सेवानिवृत्ति और इस्लाम धर्म कबूल करने की घटना से यह सिद्ध होता है कि उन्हें अत्यधिक मानसिक रूप से प्रताडि़त किया गया है। सलोदिया के ऐसे गंभीर कदम उठाने के लिये राजस्थान सरकार दोषी है। जोगी ने कहा कि प्रधानमंत्री के दिल में जरा भी दलित वर्ग के प्रति प्रेम भावना है तो राजस्थान की मुख्यमंत्री से इस अक्षम्य गलती के लिये इस्तीफा देने को कहें।