शिक्षक दिवस विशेष-नेत्रों में ज्योति नही पर शिक्षा की अलख जगा रही शिक्षिका नीलिमा राजपाल,मिस कॉल गुरुजी अभियान से बच्चो की पढ़ाई

Chief Editor
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भाटापारा-देश के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं शिक्षा मंत्री श्री राधाकृष्णनन जी की जयंती पर प्रतिवर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष कोरोना काल में वैश्विक महामारी के उपरांत भी शिक्षण की गतिविधि से बच्चों को सीखने और सिखाने की प्रक्रिया में संलग्न रखने के लिए शिक्षक समुदाय बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहा है। विकासखंड भाटापारा में जिला कलेक्टर श्री सुनील जैन एवं जिला शिक्षा अधिकारी श्री सी एस ध्रुव मार्गदर्शन में शिक्षक गण पढ़ई तुंहर द्वार अभियान एवं वैकल्पिक उपायों से बच्चों को लाभान्वित करने का प्रयास कर रहे हैं। शिक्षक दिवस के अवसर पर नवाचारी गतिविधि करने वाले ऐसे कुछ शिक्षकों अनुकरणीय प्रयास सभी के लिए प्रेरणास्पद होंगे।CGWALL NEWS के व्हाट्सएप ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये

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नेत्रों में ज्योति नही पर शिक्षा की अलख जगा रही शिक्षिका नीलिमा राजपाल-
शासकीय प्राथमिक शाला खोखली की शिक्षिका नीलिमा राजपाल को नेत्रों से दिखाई नहीं देता। उसके बावजूद अपने जज्बे साहस और ललक के साथ विद्यालय के बच्चों को वीडियो कॉन्फ्रेंस और कॉन्फ्रेंस कॉल के माध्यम ऑनलाइन क्लास लेने के साथ के छोटे समूहों मे बच्चो को गाइडेन्स दे रही है।जन्म से नेत्रों में ज्योति नही होने के बाद भी हिंदी में स्नात्तकोत्तर तक पढ़ाई की। संगीत में डिप्लोमा दीपांजलि का कोर्स किया और 2006 से शिक्षक बनी। शासकीय प्राथमिक शाला खोखली में कक्षा पांचवी तक के बच्चों को पढ़ाती है । उनका मानना है हर व्यक्ति के जीवन में शिक्षक का सबसे ज्यादा महत्व होता है, कोरोना काल में परिस्थितियां ही शिक्षक है जागरूकता के पाठ से समुदाय का संघर्ष जारी है।

मिस कॉल गुरुजी अभियान से बच्चो की पढ़ाई-
शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला खमहरिया की शिक्षिका श्रीमती सीमा मिश्रा पढ़ई तुंहर द्वार अभियान अंतर्गत मिस्ड कॉल गुरुजी प्रकोष्ठ की विकासखंड नोडल अधिकारी हैं । प्राइमरी से लेकर के हायर सेकेंडरी तक 25 शिक्षक की टीम मिसकॉल अभियान को पूरे विकासखंड के शालेय विद्यार्थियों के लिए सेवा दे रही है। सीमा मिश्रा द्वारा सर्वप्रथम भाटापारा विकासखंड में बच्चों के लिए फोन पर स्वत: प्रेरणा से मोबाइल गुरुजी सेवा आरंभ की गई थी । विगत 1 सितंबर से कक्षा पहली से बारहवीं तक के मिसकॉल पर बच्चों के लिए मार्गदर्शन के लिए शिक्षकों की टीम सेवारत है। प्रातः 10 बजे से शाम 6 बजे तक विभिन्न स्तरों और विषयों के संबंध में शिक्षक गण बच्चों के द्वारा जारी मोबाइल नंबरों पर मिस कॉल किए जाने पर कॉल बैक करके शंका समाधान एवं पाठ्यक्रम संबंधित गाइडेंस प्रदान कर रहे हैं। सीमा मिश्रा बताती हैं अधिक बच्चों को इसका लाभ मिल सके इसलिए मिस कॉल मोबाइल अभियान शुरुआत किया 4र है। वे गूगल मीट के माध्यम से भी वे ऑनलाइन क्लास लेते हैं।

यूट्यूब पर नाटय अभिनय से पढ़ाई-
जहां चाह वहां राह उक्ति को भाटापारा की शिक्षिका ने श्रीमती शशि तिवारी चरितार्थ कर दिखाया। लाकडाउन अवधि में बच्चों को पढ़ाने के लिए कोई उपाय नहीं था तो उन्होंने पाठ्य सामग्री को घर परिवार एवं पड़ोस की मदद से नाटक के रूप में रिकॉर्डिंग कर यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया और लिंक शेयर कर बच्चों के पास अध्ययन भेजती हैं।वैकल्पिक शिक्षण के साधन के रूप में उनके प्रयासों को जिला स्तर पर भी सराहा गया। उन्होंने में अपनी साहित्य ,गीत,गजल में अपनी अभिरुचि को शिक्षण की गतिविधि में उतार कर नवाचारी प्रयास किया है। उनके द्वारा पुष्प की प्रेरणा एवं भिखारी पाठ का नाट्य अभिनय यूट्यूब में अपलोड किया गया है।

शाला कार्य के साथ वर्चुअल क्लासेस और मोहल्ला स्कूल में भी भाग ले रही प्रधानपाठिका-
शासकीय प्रोनन्त पू मा शाला भाटापारा की प्रधानपाठक श्रीमती जासमीन राज सिंह कहती है कि कोरोना महामारी की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सरकार एवं प्रशासन ने बच्चों, शिक्षकों और पालकों के हौसले को कम नहीं होने दिया। पढ़ई तूहर द्वार अभियान एवं वैकल्पिक शिक्षण के उपायों से विद्यार्थी गण कोरोना काल में भी लाभान्वित हो रहे हैं। शिक्षण के कार्य में 26 वर्ष पूरे होने पर शिक्षा के पुनीत कार्य में भागीदारी के लिए वे स्वयं के लिए गौरवान्वित महसूस करती हैं। शाला के कार्यों के साथ पारा मोहल्लों में क्लास लेना और नियमित ऑनलाइन क्लास लेने का कार्य श्रीमती जासमीन राज सिंह के द्वारा किया जा रहा है।

स्मार्ट टीवी के माध्यम से ले रहे हैं क्लास-
शासकीय प्राथमिक शाला मिरगी के सहायक शिक्षक हेम कुमार देवांगन ने बताया ग्रामीण क्षेत्रों मे नेटवर्क की समस्या, बच्चों के पास स्मार्ट फोन की अनुपलब्धता से बच्चों को जोड़ना कठिन था, इसलिए स्मार्ट टी वी को स्मार्ट फोन से कनेक्ट कर कक्षा का संचालन किया जा रहा है । वर्तमान में दो स्थानों पर स्मार्ट टी वी संचालित है । 10- 10 बच्चों के समूह मे बच्चे कक्षा मे शामिल होते है। इसके साथ ही पारा मोहल्ला स्कूल एवं बूल्टू के बोल कार्यक्रम से बच्चों को लाभान्वित करने का भरसक प्रयास किया जा रहा है ।

वैकल्पिक शिक्षण में प्रधान पाठक और शिक्षक भी सक्रिय
परसाडीह प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक हुबीराम वर्मा का मानना की कोरोना महामारी से उपजी परिस्थितियों ने विवश कर दिया है। बच्चों की पढ़ाई के लिए शासन की योजना पढ़ाई तुँहर पारा योजना चलाई जा रही है। जिसके तहत मोहल्ला क्लास के लिए ग्राम प्रमुखों एवं जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क करने पर मुश्किल से एक छोटा सा सामुदायिक भवन मिला। जहाँ पर प्रत्येक दिवस, क्रमशः दो-दो कक्षाओं के बच्चों को बुलाते हैं व विषय/शिक्षकों द्वारा अध्यापन कराया जाता है। एक ग्रीन बोर्ड को दीवार में लटका दिया जाता है। सभी बच्चे मास्क लगाकर आते हैं। सोशल डिस्टेंसिग को ध्यान में रखते हुए, बच्चों को दूर-दूर बिठाया जाता है।ग्राम आलेसुर में शिक्षक कोदूराम दलित देवांगन विपरीत परिस्थितियों में पारा मोहल्ला में बच्चों को पढ़ा रहे हैं एवं ऑनलाइन क्लास का आयोजन करें ले रहे हैं।ओटेबंद करही बाजार प्राथमिक शाला नोखे लाल वर्मा ने बताया कि छोटे-छोटे समूहों में बच्चों को जोड़कर कविता कहानी के माध्यम से भाषाई कौशल एवं गणित अधिगम सामग्री के द्वारा बच्चों को शिक्षा दी जा रही है।

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