बिलासपुर— आज विश्व हिन्दु परिषद, धर्म जागरण समन्वय और हिन्दु एकता मंच के बैनर तले करीब दो सौ से अधिक लोगों ने आईजी कार्यालय का घेराव किया। तीनों संगठन के नेताओं इस दौरान नारेबाजी कर अपनी भावनाओं को जाहिर किया। आईजी से मुलाकात कर बताया कि समाज में उन्माद पैदा करने की साजिश रची जा रही है। बार बार शिकायत के बाद भी अपराधियों पर किसी प्रकार की पुलिस कार्रवाई नहीं हो रही है।इसके चलते आरोपियों के हौसले भी बुलन्द होते जा रहे हैं। वहीं लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
आज विश्व हिन्दु परिषद बजरंग दल, धर्म जागरण समन्वय और हिन्दु एकता मंच के बैनर तले करीब दो सौ से अधिक लोगों ने आईजी कार्यालय का घेराव किया। संगठन के नेता राजा शर्मा और राजेन्द्र सिंह ने बताया कि पिछले कुछ महीनों ने समाज में धार्मिक उम्माद फैलाने वालों की बाढ़ आ गयी है। जगह जगह कुछ असामाजिक तत्व मंदिरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। देवताओं की मुर्तियों को खण्डित कर रहे हैं।
नेताओं ने आईजी से बताया कि पिछले दिनों ऐसा ही प्रयास लोखण्डी में किया गया। यहां मंदिर और मूर्ति को नुकसान पहुंचाया गया। फेसबुक सोशल मीडिया पर भी धार्मिक भावनाओं को भड़काने पोस्ट डाले जा रहे हैं। पिछले 6 महीनों में ऐसे 20 से अधिक ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। थानों में शिकायत भी की गयी। बावजूद इसके आरोपियों को पकड़ने को लेकर कोई ठोस कदम नही उठाया गया है।
संगठन के नेताओं ने कहा कि लोखण्डी में असामाजिक तत्वों ने सारी सीमाओं को पार किया है। जिसे लेकर लोगों में भयंकर आक्रोश है। अभी तक अपराधी को पकड़ा नहीं गया है। आईजी से मुलाकत के दौरान नेताओं ने बताया कि एक थाना विशेष में इस प्रकार की शिकायत मिल रही है कि रिपोर्ट लिखने में पक्षपात किया जा रहा है। किसी धर्म विशेष की शिकायत को हल्के में तो किसी को अतिगंभीरता से लिया जा रहा है। कभी कभी तो शिकायतकर्ता को ही डरा धमकाकर भगा दिया जाता है।
राजा शर्मा और राजेन्द्र सिंह ने बताया कि सहिष्णुता हमारी पहचान है। हम चाहते हैं कि यह पहचान कायम रहे। धार्मिक उन्माद फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई हो। पत्रकारों से नेताओं ने बताया कि आईजी ने मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होने सख्त कार्रवाई की बात कही है। हमने आईजी को बताया कि पुलिस को निरपेक्ष होकर काम करना होगा। संगठन के नेताओं ने कहा कि देश इसम कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा है। देश की सीमा और देश के अन्दर हालात ठीक नहीं है। ऐसे समय में धर्म के नाम पर उन्माद फैलाना ठीक नहीं। लेकिन उन्माद फैलाना भी अच्छी बात नहीं है। यदि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती है तो हमें आन्दोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।