मुंगेली(अतुल श्रीवास्तव)सरकार भ्रष्टाचार रोकने की चाहे जितनी कवायद कर ले सब कुछ फैल ही नजर आता है। हम बात कर रहे है मुंगेली जिले के पड़ाव चौक स्थित शासकीय अनुसूचित जाति बालक छात्रावास में जीर्णोद्धार कार्य हेतु 25 लाख रुपए की स्वीकृति पास कराई गई थी 3 से 4 महीने पहले बने नालियों के कार्यो में हुई त्रुटि के बारे में जहाँ लाखों की राशि पास करा कर आधा ही काम करके प्रशासन को चुना लगाने का मामला सामने आ रहा है. मुख्यमंत्री घोषणा योजना के अंतर्गत 25 लाख की राशि स्वीकृत की गई थी. जहाँ जीर्णोद्धार करने के लिए साल भर पहले निकले टेंडर का कार्य 4 महीना पहले लॉकडाउन के समय पूर्ण किया गया. जिसमे पुरानी नालियों को ढकने का काम किया गया. तो कहीं पर नालियों पर छपाई करके घोल लगाकर उसे छुपाने का काम किया गया.
ठेकेदार ओर इंजीनियर की कलाकारी तो यहां पता चला जब नाली के पानी निकासी के लिए छात्रावास के पीछे सड़क जो ( शिक्षक नगर जाता है ) के बीचो-बीच को सड़क को खोदकर नाली निर्माण करके उसके ऊपर ढक्कन लगाकर काम को नया रूप देने का काम किया गया नगरपालिका के अंदर आने वाले सड़कों को खोद कर नाली निर्माण किया गया है जिसकी अनुमति न ही नगर पालिका से हुई है जब हमने मुख्य नगर पालिका अधिकारी से बात किया तो हमे इस बात की जानकारी मिली मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने बताया कि सड़कों को खोद कर नालिया बनाने के संबधं में उनके पास ऐसी कोई भी जानकारी नही है
इस बड़े भ्रस्टाचार से के ऊपर प्रकाश डाल हमे पूर्व छात्रावास के छात्र सत्य प्रकाश अनन्त ने जानकारी उपलब्ध कराया एवम वहाँ का औपचारिक निरीक्षण भी छात्र द्वारा कराया गया । सत्य प्रकाश अनन्त पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष भी रह चुके है अनन्त ने पूरे भ्रष्टाचार से अवगत कराया व बताया कि यहाँ नालियों के ऊपर सीमेंट का घोल लगा के लीपापोती के काम को अंजाम दिया गया है । जिसमे स्पष्ट रूप से ठेकेदार और इंजीनियर की मिलीभगत दिखाई दे रही है ।