विवादास्पद CMO के बिगड़े बोल..कहा मंत्री को अधिकार नहीं.कलेक्टर भी नहीं कर सकते रीलिव..पूछा भी नहीं गया

BHASKAR MISHRA
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मुंगेली—रीलिंविंग के दौरान सीएमओ कार्यालय में हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। शनिवार को मुंगेली कलेक्टर ने विवादास्पद सीएमओ को जैसे ही रीलिव किया। राजेन्द्र पात्रे ने सिस्टम को खुली चुनौती देते हुए कहा कि कलेक्टर को रीलिव करने को कोई अधिकार नहीं है। क्योंकि मंत्री को भी स्थानांतरण करने का अधिकार नहीं है। बहरहाल मुंगेली सीएमओ के स्थानांतरण और रीलिविंग के बाद कांग्रेस संगठन समेत जिले के कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों ने खुशी जाहिर की है।

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                   जानकारी देते चले कि एक दिन पहले ही मुंगेली नगरपालिका सीएमओ राजेन्द्र पात्रे का स्थानांतरण शासन ने नगर निगम बिलासपुर जोन उपायुक्त के पद पर किया है। मंत्रालय से स्थानांतरण आदेश जारी होने के बाद मुंगेली कलेक्टर पीएस एल्मा शनिवार को राजेन्द्र पात्रे को रीलिव कर दिया। साथ ही नगर पालिका का प्रभार तहसीलदार अमित सिन्हों को दिया है। 

           कलेक्टर आदेश के बाद जैसे ही अमित सिन्हा चार्ज लेने सीएमओ कार्यालय पहुंचे। स्थानांतरित सीएमओ राजेन्द्र पात्रे ने जमकर हंगामा किया। इस दौारन पात्रे ने ना केवल तहसीलदार के साथ अभद्र व्यवहार किया। बल्कि कलेक्टर और मंत्री के आदेश को खुली चुनौती भी दी।

              कार्यभार लेते समय विवादास्पद स्थानांतरित सीएमओ राजेन्द्र पात्रे ने ना केवल जमकर हंगामा किया शासकीय कार्य में बाधा भी डालने का पुरजोर प्रयास किया। विवादास्पद सीएमओ की धमकी और रौद्र रूप को देखते हुए पुलिस को बुलाना पड़ा। तहसीलदार अमित सिन्हा प्रभारी सीएमओं का कार्यभार लेने के बाद कार्यालय को सील करवा दिया।

मंत्री और कलेक्टर को खुली चुनौती

                     कलेक्टर आदेश का पालन करते समय सीएमओ राजेन्द्र पात्रे ने जमकर हंगामा और देख लेने की धमकी भी दी। पात्रे ने कहा कि स्थानांतरण नियम विरूद्ध है। क्योंकि मंत्री को स्थानांतरण करने का अधिकार नहीं है। सीएमओ राजेन्द्र पात्रे ने कलेक्टर के निर्देश और आदेश को खुली चुनौती दी। बताया कि जिला अधिकारी को रीलिविंग करने का अधिकार नहीं है। जिला प्रशासन और मंत्री के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट जाउंगा।

                   राजेन्द्र पात्रे ने चिल्लाते हुए कहा कि मंत्रालय ने मुझे डेपुटेशन पर नगर निगम जोन प्रभारी बनाकर भेजा है। जबकि डेपुटेशन भेजने से पहले परामर्श नहीं किया गया है।  

 सीएमओ का विवादों से गहरा नाता

            जानकारी देते चलें कि सीएमओ राजेन्द्र पात्रे और विवादों के बीच गहरा नाता रहा है। सीएमओ के खिलाफ निकाय मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक संगठन और सिस्टम ने कई बार शिकायत की। साथ ही मुंगेली से हटाने को लेकर धरना प्रदर्शन भी किया।  जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों ने आंदोलन भी किया।  CMO राजेन्द्र पात्रे पर आरोप है कि अपने कार्यकाल के दौरान करोड़ों रूपयों का भ्रष्टाचार किया है। बात बात पर खुद को मंत्री का भांजा बताकर लोगों को धमकाते हैं। लेकिन एक दिन पहले ही मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर राजेन्द्र पात्रे को निगम बिलासपुर में जोन उपायुक्त  बनाकर स्थानांतरित कर दिया। खबर के बाद कांग्रेस संगठन समेत जनप्रतिनिय़ों और कर्मचारियों ने एक दूसरे को जमकर बधाई दी। दूसरे ही दिन कलेक्टर ने रीलिविंग आदेश जारी कर सीएमओ का प्रभार तहसीलदार अमित सिन्हा को दे दिया।

पुलिस को करना पड़ा बीच बचाव..कार्यालय सील

                      इसी मामले को लेकर आज सीएमओ ने कलेक्टर आदेश को ना केवल मानने से इंकार कर दिया। बल्कि मंत्री के आदेश को भी खुली चुनौती दिया है। और अमित सिन्हा को प्रभार देने से मना कर दिया। मौके पर काफी विवाद की स्थिति बन गयी। और पुलिस को बुलाना पड़ा। मामला नहीं सुलझते देख मुंगेली नगर पालिका को तहसीलदार ने पंचनामा कार्रवाई के बाद सील कर दिया।

कलेक्टर आदेश का किया गया पालन

              तहसीलदार अमित सिन्हा ने बताया कि कलेक्टर आदेश का पालन करते हुए कार्यभार लेने सीएमओ कार्यालय आया। लेकिन राजेन्द्र पात्रे ने  कार्यभार देने से मना किया। लेकिन आदेश का पालन करते हुए कार्यभार ग्रहण कर मामले की जानकारी कलेक्टर को दे दिया हूं।

सारी कार्रवाई नियमानुसार

                            मामले में कलेक्टर पीएस एल्मा ने बताया कि वर्तमान सीएमओ राजेन्द्र पात्रे को रीलिव कर दिया गया है। शासन के आदेश का पालन किया गया है। तहसीलदार अमित सिन्हा को प्रभार दिया गया है। सोमवार से अपना काम करेंगे।सारी कार्रवाई नियम के अनुसार की गयी है।

 

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