जशपुर।बगीचा एसडीएम रोहित व्यास के सार्थक पहल से स्कूली बच्चों को शिक्षा से जोडे़ रखने एवं उनमें समझ विकसित करने के लिए मिशन कौतूहल की शुरुवात की गई है। मिशन का उद्देश्य है कि बच्चे रटंत पद्धति से हटकर, अनुपयोगी और बेकार पड़ी वस्तुओं से प्रयोगात्मक शिक्षा के नये आयाम गढ़े जायेंगे। रोहित व्यास ने शिक्षा विभाग की बैठक लेकर बच्चों को शिक्षा से निरंतर जोड़े रखने के लिए कहा गया है। प्रयोगिक शिक्षा पर जोर देने के लिए कहा है। उन्होंने बैठक में शिक्षकों को प्रयोगात्मक चेप्टर तैयार करने कहा है ताकि उसे टीचर्स और स्टूडेंट्स के बीच बताया जा सके। उन्होंने कहा कि नवाचार के तहत् बेहतर प्रदर्शन के वीडियो क्लिप भी बनाये जाए। और वीडियो क्लिप को शिक्षा विभाग के वेबसाइट पर अपलोड किया जाये। ताकि प्रदेश एवं अन्य जिले के शिक्षक और छात्र इसका लाभ उठा सके।
एसडीएम रोहित व्यास के कुशल मार्गदर्शन में बगीचा एजुकेशन विभाग शिक्षा का अलख जगाये रखने नित नये प्रयास करते आ रहे हैं। ब्लॉक भर में संचालित मोहल्ला क्लास, लाउडस्पीकर क्लास व हारमुनियम क्लास इसके अच्छे उदाहरण हैं। हाल ही में दौरे पर आये स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला ने एसडीएम रोहित व्यास के कार्यशैली की उत्साहवर्धन करते हुए प्रशंसा की। वहीं अब उनकी नई पहल मिशन कौतूहल को शिक्षा के क्षेत्र में एक बेहतर प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
क्या है मिशन कौतूहल
बाल केन्द्रित शिक्षण द्वारा बालक को सीखने के पर्याप्त आवसर प्रदान करना। गतिविधि आधारित शिक्षण द्वारा शिक्षण-अधिगम को रूचिकर व आनंददायी बनाना। ज्ञान को स्थायी एवं प्रभावी बनाते हुए प्राथमिक शिक्षा की नींव मजबूत करना। बच्चो में सृजनात्मकता एवं मौलिक चिंतन का विकास करना। बच्चों के स्तर के अनुरूप शिक्षण योजना अनुसार शिक्षण कार्य करते हुए शैक्षणिक प्रगति लाना। छात्रों में संज्ञानात्मक एवं व्यक्तित्व विकास के अवसर प्रदान करना। बालक के गुणात्मक विकास के साथ-साथ नामांकन एवं ठहराव में वृद्धि करना। बच्चों की प्रगति को अभिभावकों के साथ साझा करना। बेकार और अनुपयोगी वस्तुओं के प्रयोग से बच्चों को अध्यापन कराना। बहरहाल बगीचा शिक्षा विभाग मिशन कौतूहल को सफल बनाने व्यापक तैयारी कर रही है।