बिलासपुर– जोगी निष्कासन के बाद जिले के समर्थकों में इस्तीफा देने और पुतला दहन का खेल शुरू हो गया है। मरवाही विधानसभा के पेन्ड्रा में अमित जोगी समर्थकों ने पीसीसी अध्यक्ष का पुतला दहन किया। रैली निकालकर उग्र प्रदर्शन भी किया। बताया जा रहा है कि जोगी समर्थकों ने संगठन और पंचायत में अपने पदों से इस्तीफे का एलान कर दिया है। वहीं बिलासपुर शहर में जोगी के निष्कासन को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है।
जैसे जोगी के निष्कासन की खबर बिलासपुर पहुंची तो मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आने लगी। किसी ने इसे कांग्रेस का क्षति बताया तो किसी ने पीसीसी के निर्णय को पार्टी हित में कहा। प्रदेश कांग्रेस महामंत्री अटल श्रीवास्तव ने रायपुर से लिखित बयान में कहा है कि जोगी का निष्कासन स्वागत योग्य है। इससे संगठन को भ्रष्ट बीजेपी सरकार से लड़ने में उर्जा मिलेगी। राजनीति को गंदा करने वालों के खिलाफ किसी भी राजनीतिक संगठन का अब तक का सबसे बड़ा और साहसिक कदम है। इसे दलगत राजनीतिक लाभ से ऊपर उठकर देखने की जरूरत है। अटल ने बताया कि छत्तीसगढ़ की राजनीति की स्वच्छता के लिए उठाया गया कदम है। कांग्रेस ने अपने लोगों पर कार्यवाही कर यह साबित किया है कि राजनीति व्यक्तिगत फायदे के लिए नहीं बल्कि जनता के हित के लिए है। अब केन्द्र में बैठी बीजेपी सरकार को ऐसे राजनैतिक षड़यंत्रकारियों पर करनी चाहिए जो लोकतंत्र के दुश्मन हैं।
पेन्ड्रा में जोगी समर्थकों ने आज देर शाम पीसीसी अध्यक्ष का पुतला फूंका। विधायक प्रतिनिधि ज्ञानेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि मनोनित लोगों से कांग्रेस को खतरा है। सामन्तवादी सोच ने एक दलित नेता का अपमान किया है। इसलिए संगठन के पदों और पंचायत पंदों से जोगी के समर्थक इस्तीफा देने का एलान करते हैं।
छत्तीसगढ़ प्रदेश बेरोजगार संघ के अध्यक्ष महर्षि गौतम ने बताया कि जोगी के निष्कासन पर केन्दीय संगठन को प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ एक्सन लेना चाहिए। अमित जोगी युवा आइकन हैं। उन्होंने अकले दम पर आउटसोर्सिंग मुद्दे पर सरकार से दो-दो हाथ किया। युवा बेरोजगार संगठन जोगी के निष्कासन का विरोध करता है। गौतम ने कहा कि युवा संगठन अब कांग्रेस के हर निर्णय का विरोध करेगा।
सोशल मीडिया में भी इस प्रकार की खबर आ रही है कि मोदी ने ठीक ही कहा कि देश को कांग्रेस विहीन बनाया जाएगा। कम से कम प्रदेश में भूपेश ने साहसिक कदम उठाकर मोदी के अभियान का समर्थन किया है। जोगी परिवार के चलते ही प्रदेश में कांग्रेस की सांसे चल रही थी। अब लगने लगा है कि जल्द ही मोदी की इच्छाओं का छत्तीसगढ में पालन होगा।