अंधा कत्लः मांमा और भांजा ने उतारा मौत के घाट

BHASKAR MISHRA
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IMG_20160112_161852IMG_20160112_163526बिलासपुर— बिलासपुर पुलिस ने चकरभाठा थाना क्षेत्र के मेंड्रा में सात जनवरी को हुए अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाने का दावा किया है। बिलासागुड़ी में आईजी पवनदेव और पुलिस कप्तान अभिषेक पाठक ने बताया कि युवक की शिनाख्त होने के महज पांच घण्टे के अंदर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार आरोपी मृतक का नजदीकी हैं। उन्हें जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा।

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               बिलासागुड़ी में पत्रकारों को आईजी पवन देव और पुलिस कप्तान ने बताया कि मेंड्रा हत्याकाण्ड की गुत्थी मृतक की शिनाख्त के बाद महज पांच घण्टे के भीतर सुलझा लिया गया है। आई जी पवन देव ने बताया कि मृतक का नाम तोपेश्वर बंजारे निवासी चिचोली नांदघाट का रहने वाला है। तीन महीने पहले अपने भाई राजेश्वर बंजारे के साथ बिलासपुर आया था। कुदुदण्ड में किराये के  मकान में रहता था। तोपेश्वर बंजारे को काम की तलाश थी।

                              आई जी ने पत्रकारों को बताया कि मेंड्रा स्थित खेत में सात जनवरी को एक अज्ञात युवक की लाश मिली। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ज्ञात हुआ कि उसकी हत्या धारदार हथियार से की गय़ी है। पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर पड़ताल शुरू की। मृतक के पहचान के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया।

                 सोशल मीडिया पर फोटो आने के बाद एक युवक चकरभाठा थाना पहुंचकर बताया कि फोटो उसके बड़े भाई तोपेश्वर बंजारे का है। उसका नाम राजेश्वर बंजारे है। वह अपने भाई के साथ तीन महीने पहले बिलासपुर पढ़ने आया है। तोपेश्वर काम की तलाश कर रहा था। राजेश्वर ने बताया कि घटना के दिन उसका भाई रिश्ते के दादा गांव से मिलने कुम्हारपारा स्थित चिंताराम बंजारे के गर मिलने गया। फोन पर भाई ने बताया कि वह चिंताराम से मिलकर जल्द ही लौटेगा। लेकिन नहीं लौटा। उसकी तलाश की जा रही थी। सोशल मीडिया पर फोटो देखने के बाद वह थाने पहुंचा है।

                 राजेश्वर के बयान के बाद पुलिस ने बिलासपुर में कुम्हारपारा स्थित घर से चिंताराम बंजारे को हिरासत में लिया। कड़ाई से पूछताछ में चिंताराम ने बताया कि तोपेश्वर उसे  पैसे के लिए परेशान करता था। चिंताराम के अनुसार वह पहले बैंक में नौकरी करता था। विभागीय कारणों से सेवामुक्त कर दिया गया। इसके बाद वह चिचोली में अपनी खेती बाड़ी का काम करने लगा। गांव में खेत के पास ही तोपेश्वर का भी खेत है। वह धान की हेराफेरी करता था।

                        इस बीच तोपेश्वर अपने भाई के साथ कुदुदण्ड आ गया। पिछले तीन महीने में उसने कई बार उससे जबरदस्ती रूपया लिया। पुलिस पूछताछ में चिंताराम ने बताया कि कुछ दिन पहले तोपेश्वर उसके घर आकर मोटर सायकल खरीदने के लिए दस हजार रूपए उधार मांगा। लेकिन उसने मोटर सायकल नहीं खरीदा। रकम वापस मांगने पर लौटाने से इंकार कर दिया। जिसे लेकर तोपेश्वर और उसके बीच विवाद हो गया।

                   बिलासागुड़ी में बिलासपुर रेज के महानिरीक्षक पवन देव ने पत्रकारों को बताया कि आरोपी के बयान के अनुसार एक दिन तोपेश्वर चिंताराम का कालर पकड़कर दो हजार रूपए जबरदस्ती जेव से निकाल लिया। उसी दिन चिंताराम ने तोपेश्वर को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया। चिंताराम ने हिर्री थाना थाना क्षेत्र के अटर्रा गांव निवासी रिश्ते में भांजा मोहन चतुर्वेदी को बुलाया।  दोनो 6 जनवरी को फोन से तोपेश्वर को मंगला चौक बुलाया। तीनों ने पहले जमकर शराब का सेवन किया। इसके बाद तीनों चकरभाठा होकर मेन्ड्रा के लिए मोटर सायकल से रवाना हो गए। इस दौरान तीनों ने तीन अलग-अलग जगहों पर फिर शराब का फिर से सेवन किया। मेन्ड्रा पहुंकने के बाद एक खेत में मोहन ने तोपेश्वर पर चाकू से हमला कर दिया। जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गयी।

                       आई जी ने बताया कि दोनों आरोपियों की निशानदेही पर घटना में उपयोग किये गए मोटर सायकल, टूटी मोबाइल, चाकू बरामद कर लिया गया है। आरोपियों को फिलहाल पुलिस कस्टडी में रखा गया है। उन्हें  कोर्ट में पेश किया जाएगा।

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