रायपुर—आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो और एसीबी की टीम ने तीन महिने के अंतराल के बाद एक बार फिर काली कमाई और अनुपातहीन संपत्ति के 9 सरकारी अधिकारियों के घर पर छापामार कार्रवाई की है। रायपुर, मुंगेली, बिलासपुर, धरसींवा, बलौदाबाजार, धमतरी में अभी कार्रवाई चल रही है।
एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) बड़ी कार्रवाई करते हुए आज राजधानी और न्यायधानी समेत प्रदेश मुंगेली धरसींवा ,बलौदा बाजार,धमतरी में पदस्थ 9 अधिकारियों के 18 ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई कर रही है। कार्रवाई में तीन भारतीय प्रशासनिक वन सेवा के अधिकारी शिवशंकर बडगैया डीएफओ बलौदाबाजार, एएच कपासी आईएफएस रायपुर, के.के. बिसेन आईएफएस डीएफओ वन्य प्राणी रेंजर के.आर. वर्मा धमतरी, इसके अतिरिक्त लोकनिर्माण विभाग में पदस्थ टीआर कुंजाम, मुंगेली के सीएमओ डॉ. एसके बघेल, इंदिरागांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में पदस्थ गोरेलाल ठाकुर, खादी ग्राम उद्योग विभाग रायपुर में एमएम जोशी और शिक्षा विभाग में कार्यरत ई रामशरण नायक के ठिकानों पर छापा मारा गया है।
इन अधिकारियों के 18 स्थानों पर लगभग डेढ़ दर्जन टीम सुबह 5 बजे से कार्रवाई प्रारंभ की है। समाचार लिखे जाने तक छापे की कार्रवाई उपरोक्त शहरों और स्थानों में चालू है। अनुमान है कि इन अधिकारियों के पास से लगभग 25 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति का खुलासा हो सकता है।
ईओडब्लू और एसीबी के प्रमुख मुकेश गुप्ता ने प्रारंभिक तौर पर उपरोक्त जानकारी दी है कि सम्पत्ति कितनी मिली इस बारे में अभी कुछ कहना जल्दीबाजी होगी। उन्होंने बताया कि अभी कुछ भी खुलासा नहीं किया जा सकता। तफ्तीश जारी है। जांच के बाद ही सभी चीज को खंगालने और संग्रहित करने के बाद सम्पत्ति का विस्तृत ब्यौरा दिया जा सकता है।
मुकेश गुप्ता ने बताया कि निश्चित रूप से पिछली कार्रवाई के बाद काली कमाई करने वाले अधिकारी अपने घरों पर अब पैसा न रखे हैं। सभी लोग अपनी काली कमाई किसी अन्य स्थान पर छिपाकर रखें हैं। उन्होने बताया कि निश्चित रूप से इनकी संपत्तियों के उजागर होने में थोड़ा समय लगेगा।
गुप्ता के अनुसार अधिकारियों के खिलाफ आई शिकायतों पर छापे के पूर्व कार्रवाई योग्य आपेक्षित सामाग्रियां और जानकारी पहले से पुख्ता कर ली गई है। विस्तृत जानकारी देर शाम तक मिलने की संभावना है।
एसीबी और एओडब्लू की कार्रवाई इस सत्र की पहली कार्रवाई है। सितम्बर-अकटूबर के महीने में एक साथ 8 लोगों के यहां छापा मारा गया था। इसके बाद आईएएस अधिकारी रणवीर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई के चलते कार्रवाई रूकी हुई थी । एक बार फिर 9 अलग-अलग विभाग के अधिकारियों के खिलाफ छापा मारा गया है।