रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के 11 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत राज्य की सात विशेष पिछड़ी जनजातियों के आवेदकों को अगले छह माह के भीतर जाति और निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाएंगे। राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि उनके विभाग ने मुख्यमंत्री की घोषणा पर तत्परता से अमल करते हुए मंत्रालय (महानदी भवन) से जारी किया है, जिसमें समस्त संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों को यह कार्य निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। जिन विशेष पिछड़ी जनजातियों को ये प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे उनमें पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, बैगा, कमार, अबूझमाड़िया, पण्डो और भुंजिया समुदाय शामिल हैं। इन समुदायों के कुल 44 हजार 311 परिवार राज्य के विभिन्न आदिवासी बहुल जिलों में निवास कर रहे हैं। इन परिवारों के सदस्यों की संख्या लगभग एक लाख 94 हजार 070 है।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश में अपनी सरकार की स्थापना के 12 साल और तीसरे कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण होने पर पिछले महीने की 12 तारीख को राजधानी रायपुर में इन विशेष पिछड़े आदिम समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए 11 सूत्रीय कार्यक्रम की घोषणा की थी, जिसमें उन्हें जाति और निवास प्रमाण पत्र दिए जाने की घोषणा भी शामिल हैं। राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी परिपत्र में बताया गया है कि आदिम जाति विकास विभाग के निर्देशों के अनुरूप राजस्व विभाग द्वारा इन विशेष पिछड़ी जनजातियों के सदस्यों को अगले दो साल में अर्थात् वित्तीय वर्ष 2016-17 और 2017-18 में शत-प्रतिशत जाति और निवास प्रमाण पत्र जारी किया जाना है।
बैगा जनजाति के 16 हजार 675 परिवार कबीरधाम, बिलासपुर, कोरिया, राजनांदगांव और मुंगेली जिलों के कुल 522 गांवों में रहते हैं। पण्डो जनजाति के परिवारों की संख्या छह हजार 746 है, जो सूरजपुर, बलरामपुर और सरगुजा जिलों के 363 गांवों में निवास करते हैं। भुंजिया जनजाति के 1606 परिवार गरियाबंद और धमतरी जिलों के 106 गांवों में निवास कर रहे हैं।