बिलासपुर—बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ अन्य विधाओं में भी पारगंत करना चाहिए। जीवन में संपूर्णता के लिए यह जरूरी भी है। पढ़-लिखकर हम आर्थिक जरूरतो की पूर्ति कर सकते हैं, पर अन्य विधाओं के समावेश से खुशी मिलती है। संपूर्णता का बोध होता है। इसलिए बच्चों को जीवन के सभी पहलियों से रूबरू करवाना शिक्षकों कर्तव्य है। यह बातें आज नगरीय-प्रशासन, उद्योग एवं वाणिज्यकर मंत्री अमर अग्रवाल ने देवकीनंदन दीक्षित सभा भवन में आयोजित शांति निकेतन पब्लिक स्कूल के वार्षिकोत्सव समारोह में कही।
नगरीय प्रशासन मंत्री अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। शिक्षा का अधिकार का कानून भी बनाया गया है। शांति निकेतन स्कूल ने सेवा भाव से शिक्षा के क्षेत्र में अपनी भूमिका को बहुत ही ईमानदारी से निर्वहन किया है। उम्मीद है कि आगे भी इस अभियान को ईमानदारी से निर्वहन किया जाएगा।
मंत्री अग्रवाल ने कहा कि बाबूलाल गुप्ता के मार्गदर्शन में शिक्षा का प्रसार करने का बीड़ा उठाया। परिवार के सदस्यों ने उनके अभियान को शक्ति दी है। इसमें स्कूल के पदाधिकारियों, शिक्षक, शिक्षिकाओं का भी महत्वपूर्ण योगदान है।
कार्यक्रम को महापौर किशोर राय ने संबोधित करते हुए कहा कि शांति निकेतन स्कूल ने शिक्षा को गुणवत्तायुक्त बनाने में अथक मेहनत किया है। उल्लेखनीय प्रगति की है। अनवरत मेहनत विद्यालय को बिलासपुर में विशिष्ट पहचान के साथ स्थापित किया है। शांति निकेतन स्कूल और कॉलेज के शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रतीक चिन्ह प्रदानकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मंत्री अमर अग्रवाल समेत अतिथियों को शाल-श्रीफल देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में वार्षिक परीक्षा में उत्कृष्ट अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को मंत्री अमर अग्रवाल ने सम्मानित किया। इस अवसर पर निगम सभापति आशोक विधानी, लायंस नीलेश गुप्ता, रेखा गुप्ता, राकेश गुप्ता, योगेश गुप्ता समेत स्कूल की छात्र-छात्रायें और अभिभावकगण विशेष रूप से उपस्थित थे।