राजपथ पर छायी खैरागढ़ विश्वविद्यालय की झांकी

cgwallmanager
2 Min Read

khairagarh_delhiनई दिल्ली। गणंतत्र दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के राजपथ पर निकली छत्तीसगढ़ की झांकी ने छत्तीसगढ़ की समद्ध कला एवं संस्कृति की मधुर छटा बिखेर दी। छत्तीसगढ़ की झांकी में एशिया की सबसे पुरातन इंदिरा कला, संगीत विश्व विद्यालय के कला एवं संगीत के क्षेत्र में योगदान को प्रदर्शित किया गया था। गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर फ्रांस के राष्ट्पति श्री फ्रांसुवां औलांद, भारत के राष्ट्र्पति प्रणव मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री मनोहर पारिकर ने तालियॉ बजाकर छत्तीसगढ़ की झांकी की सराहना की । राजपथ पर उपस्थित लाखों दर्शकों ने भी झांकी की तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सराहना की।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                         छत्तीसगढ़ की झांकी में यह प्रदर्शित किया गया कि 1956 में स्थापित  इंदिरा कला, संगीत विश्वविद्यालय किस तरह से संगीत, नृृत्य, ललित कला एवं रंगमंच के विभिन्न रूपों को समर्पित है तथा वैश्वीकरण के इस दौर में भी सक्रिय रूप से संगीत एवं ललित कला के क्षेत्र में कलात्मक , शैक्षणिक एवं सांस्कृृतिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रतिबद्ध है । झांकी में यह भी प्रदर्शित किया गया कि यह विश्वविद्यालय , विश्वभर से आये विद्यार्थियों के लिए पारम्परिक और आधुनिक कला के बीच सामंजस्य स्थापित करने की दिशा में कार्य करने और संगीत एवं ललित कला को आर्थिक रूप से प्रांसगिक बनाने के लिए भी संकल्पित है । छत्तीसगढ़ की झांकी के अग्रभाग में विश्वविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थियों द्वारा बनायी गयी उत्कृृष्ट शिल्प कृृति मुरलीधर प्रदर्शित की गयी थी । झांकी की पिछले भाग में खैरागढ़ के इंदिरा कला,संगीत विश्वविद्यालय के कलात्मक भवन और उसके विभिन्न हिस्सों में कला एवं नृृत्य का प्रदर्शन करते हुए विद्यार्थी थे । झांकी के दोनो और छत्तीसगढ़ के विभिन्न लोक नृृत्यों को प्रदर्शित करता विद्यार्थियों का दल भी चल रहा था ।

close