सेवा के हर क्षेत्र में एसईसीएल अग्रणी,,ओम प्रकाश

BHASKAR MISHRA
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Photo 3बिलासपुर—साऊथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स मुख्यालय में गणतंत्र दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया। मुख्य अतिथि, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ओम प्रकाश ने झंडारोहण किया। परेड की सलामी ली ।  इस अवसर पर ओम प्रकाश ने परेड कमांडर ले. कमाण्डर व्ही. दक्षिणामूर्ति क्षेत्रीय सुरक्षा अधिकारी हसदेव क्षेत्र, उप परेड कमांडर डी.पी. दिवाकर सहा.सु. उप निरीक्षक मुख्यालय बिलासपुर के नेतृत्व में आयोजित मुख्य परेड का निरीक्षण किया । इस मौके पर ले. कर्नल अशोक कुमार, सुरक्षा प्रमुख भी उपस्थित थे ।

                 परेड कार्यक्रम में एसईसीएल सुरक्षा विभाग के दो प्लाटून का नेतृत्व महमूद खान सहा.सु.उप निरीक्षक.अमृत लाल खरे सहायक सुरक्षा उप निरीक्षक. सीएस कोरबा, डीएव्ही स्कूल बालक एनसीसी प्लाटून का नेतृत्व अक्षत दुबे,  डीएव्ही स्कूल बालिका एनसीसी प्लाटून का नेतृत्व कुमारी साक्षी मिश्रा, डीएव्ही गर्ल्स प्लाटून का नेतृत्व कुमारी मुग्धा फड़के, डीएव्ही ब्वायज प्लाटून का नेतृत्व शिवम् मिश्रा ने किया । सूबेदार मेजर बेनी प्रसाद के नेतृत्व में सागर बैण्ड प्लाटून ने भी परेड में हिस्सा लिया ।
मुख्य अतिथि ओम प्रकाश ने गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि घरेलू कोयले के उत्पादन में वृद्धि के परिणामस्वरूप, गत वर्ष अप्रैल से दिसम्बर की अवधि में देश में आयात किये जा रहे कोयले की मात्रा में कमी आई है । इस वर्ष का उत्पादन लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में एसईसीएल ने हाल ही में 100 मिलियन टन का आंकड़ा पार कर लिया है । उन्होंने कहा कि 2019-20 तक एसईसीएल को लगभग 240 मिलियन टन कोयला उत्पादन करना है।  इसके लिए हमें वर्तमान में चल रही 35 परियोजनाओं को समय से पूरा करना होगा ।

                   ओमप्रकाश ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में मालाचुआ, रामपुर-बटुरा, मदन नगर ओसी एवं बटुरा हाईवाल परियोजनाओं को स्वीकृति मिली है। गेवरा 70 मिलियन टन, आमाडांड और विजय वेस्ट ओसीपी की स्वीकृति के लिए हम प्रयासरत हैं । वर्ष महान-।।, आमाडांड, चिरमिरी और अमेरा की क्षमता अभिवृद्धि के लिए पर्यावरणीय अनुमति मिल चुकी है। सरायपाली, अमलाई ओसीपी, धनपुरी ओसीपी और जामपाली ओसीपी के लिए वन स्वीकृति अंतिम चरण में है ।
उन्होंने कहा कि उत्पादित कोयले को गंतव्य तक पहुंचाने की चुनौती के मद्देनजर, खरसिया-धरमजयगढ़ की ईस्ट कारीडोर और गेवरा-पेन्ड्रा रोड की ईस्ट-वेस्ट कारीडोर, एसईसीएल की दो अनुषंगी कंपनियों के रूप में तेजी से विकसित की जा रही हैं । इन दोनों कॉरीडोर में कोयला ढुलाई तो होगी ही , पड़ोसी आबादी के लिए परिवहन की सुविधा भी उपलब्ध हो सकेगी ।

                अपने संदेश में सह प्रबंध निदेशक ने बताया कि  एसईसीएल, जैव विविधता के लिए भी प्रतिवर्ष पांच लाख से अधिक बहु-प्रजातीय पौधों का रोपण करता है । ई-प्रोक्योरमेंट और ई-टेंडरिंग के जरिये हमें पारदर्शी और भरोसेमंद व्यवस्था कायम करने में सहायता मिली है । एक करोड़ से अधिक लागत की निविदाओं के लिए ’’रिवर्स आक्शन’’ के साथ ई-प्रोक्योरमेंट की व्यवस्था भी शीघ्र शुरू की जा रही है। इसी प्रकार ’’ऑन-लाईन ग्रीवान्स रीड्रेसल सिस्टम’’ आशा के अनुरूप परिणाम दे रही है ।

                     ओमप्रकाश ने कहा उत्पादन के साथ-साथ खान सुरक्षा या सुरक्षित वातावरण में काम करना समान रूप से महत्व रखता है । हमारा लक्ष्य शून्य दुर्घटना का है। इस दिशा में प्रबंधन पूरी तरह प्रतिबद्ध है । उन्होंने कहा निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व के जरिये सार्वजनिक उपक्रम देश और समाज के विकास में प्रत्यक्ष योगदान करते हैं । हमने स्वच्छ भारत, स्वच्छ विद्यालय अभियान के तहत 11,500 से अधिक शौचालयों का निर्माण किया है। हमारे इस प्रयास को कोयला, विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री ने सराहा  है। इसी तरह, सुदूर गॉवों में एसईसीएल के चिकित्सा कैंप जीवन रक्षक की सेवा देते हैं ।  इस वर्ष अब तक, तीन सौ से अधिक ऐसे कैंपों के जरिये 45 हजार से ज्यादा लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाए पहुचायी गयी है। हाल में ही, अनुबंध आधार पर लिये गये 57 नए एंबुलेंस के जुड़ने से इन सुविधाओं का और विस्तार होगा तथा ज्यादा लोग लाभान्वित होगे ।

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