कौशल विकास कार्यक्रमों की हुई समीक्षा

cgwallmanager
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kaushal_vikasबिलासपुर। बिलासपुर संभाग के सभी जिलों में आगामी तीन वर्षों में कौशल उन्नयन हेतु कार्ययोजना निर्धारित करने के लिए आज कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग की प्रमुख सचिव रेणु पिल्ले की अध्यक्षता में एक दिवसीय बैठक सहकार्यशाला आयोजित की गई। मंथन सभाकक्ष में आयोजित उक्त कार्यशाला में बिलासपुर संभाग के कमिश्नर सोनमणि बोरा, राज्य कौशल विकास प्राधिकरण की सीईओ प्रियंका शुक्ला, कलेक्टर बिलासपुर अन्बलगन पी., कलेक्टर जांजगीर ओ.पी. चैधरी, कलेक्टर रायगढ़ अलरमेल मंगई डी, मुंगेली कलेक्टर डाॅ. संजय अलंग, कोरबा कलेक्टर पी.दयानंद, सभी जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, स्कील डव्हलेपमेंट के राज्य एवं जिला स्तर के नोडल अधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में कौशल विकास के लिए की जा रही कार्यवाही की जिलावार विस्तृत समीक्षा श्रीमती पिल्ले ने की।

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बिलासपुर संभाग में कौशल प्रशिक्षण के लिए पंजीकृत सक्रिय एवं निष्क्रीय व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदाताओं ( वीटीपी ) तथा विभिन्न विधाओं में चालू प्रशिक्षण की समीक्षा की। संभागायुक्त सोनमणि बोरा ने बताया कि संभाग में सेरीकल्चर से संबंधित गतिविधियों में रोजगार की अपार संभावनाओं को देखते हुए इसे कौशल उन्नयन प्रशिक्षण से जोड़ा गया है तथा आगामी पांच वर्षों में 24 हजार लोगों को इस क्षेत्र में कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है। साथ ही स्वयं कार्यक्रम के तहत् निःशक्तों को भी कौशल उन्नयन से जोड़ा जा रहा है। आगामी तीन वर्ष में कम से कम तीन हजार निःशक्तों को कौशल प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है।

पिल्ले ने जिलावार समीक्षा के दौरान बिलासपुर जिले की प्रगति पर असंतोष जताया और कलेक्टर को इस दिशा में विशेष प्रयास करने की हिदायत दी। बिलासपुर जिले में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन, रेशम, ग्रामोद्योग, हेन्डलूम, फायर एण्ड सेफ्टी, एग्रोफारेस्ट्रि क्षेत्र में कौशल उन्नयन हेतु प्रशिक्षण देने कहा। श्रीमती पिल्ले ने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात् इसके मूल्याकंन परिणाम भी संतोषजनक नहीं होते हैं। अतः इस दिशा में भी विशेष ध्यान देकर प्रशिक्षणार्थियों को मोटिवेट करने की जरूरत बताई। श्रीमती पिल्ले ने विशेष पिछड़ी जनजातियों के कौशल उन्नयन के लिए विशेष कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये। स्थानीय क्षमता के अनुरूप लोगों को प्रशिक्षण दिया जाये और प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए उन्हें प्रेरित किया जाये।

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