कहां से आयीं सरकारी योजना की साइकिलें

BHASKAR MISHRA
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ATIKRAMAN_1बिलासपुर— अतिक्रमण हटाने गए मस्तूरी अतिक्रमण दस्ता को एक दुकान से सरस्वती सायकल योजना की दो दर्जन से अधिक फ्रेमं,सायकल की रिम और कई सामाग्री मिले हैं। अतिक्रण दस्ते को अभियान के दौरान बजाज मोटर सायकल की इंजिन,आटोपार्टस और ठेर सारे कई कंपनियों के साइलेंसर मिले हैं। पुलिस का कहना है कि सरस्वती सायकल प्रदाय योजना की साइकिलें दुकान में आयी कैसें जांच की जा रही है।

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कलेक्टर आदेश के बाद मस्तूरी में अतिक्रमण दस्ते को अभियान के दौरान एक दुकान से सरस्वती सायकल प्रदाय योजना की दो दर्जन से अधिक फ्रेम मिले हैं। दुकान हटाने के दौरान जांच में अधिकारियों को करीब 30 से अधिक साइकिल की फ्रेम भी बरामद किया गया है। अभियान के दौरान क्षेत्र के पटवारी के अलावा तहसीलदार अमित कुमार सिन्हा, मस्तूरी एसडीएम टेकचन्द अग्रवाल के अलावा पुलिस के अधिकारी भी उपस्थित थे।

              जानकारी के अनुसार जब तहसीलदार अमित सिन्हा  अतिक्रमण दस्ते के साथ दुकान हटाने पहुंचे तो उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा। बावजूद इसके पुलिस सुरक्षा के बीच दुकान को तोडा गया। इसी दौरान टीम को साइकिल की रिम और कुछ फ्रेम दिखाए दिए। जांच पड़ताल के बाद पता चला कि दुकान से बरामद सभी फ्रेम छत्तीसगढ़ सरकार की सरस्वती साइकिल योजना की है। दुकान में तीस से अधिक नए रिम भी मिले। बताया जा रहा है कि रिम सरस्वती सायकल योजना की ही हैं।

                 कार्रवाई के दौरान पुलिस और राजस्व की टीम को बजाज कम्पनी की मोटरसायकल के इंजिन भी मिले हैं। साथ चक्का और टायर भी बरामद किया गया है। पुलिस के अनुसार बरामद सामान मे कई मोटर सायकल कंपनियों के साइलेंसर भी मिले हैं। बहरहाल दुकान से सभी सामान को बरामद कर लिया गया है। पुलिस पतासाजी कर रही है कि आखिर टूटे फूटे दुकान में सरस्वती सायकल प्रदाय योजना के तहत बच्चों के दिये जाने वाले साइकलि का फ्रेम और रिम आया कहां से।

                   आस पास के कुछ लोगों ने बताया कि दुकानदार सरस्वती सायकल योजना की साइकिलें को मिलीभगत खरीदता है और फिर उसे संस्थान या बाजार में खपा देता है। बहरहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। मोटर सायकल इंजिन,चक्का,टायर और साइलेंसर कहां से लाये गये जांच की जा रही है।

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