बिलासपुर हाईकोर्ट ने आज जंगली हाथी पर हुए क्रूरता के एक गंभीर मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए डायरेक्टर,वेटनरी को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। हाईकोर्ट ने आगामी 16 फरवरी की सुनवाई में डायरेक्टर,वेटनरी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर जवाब देने को कहा है। आज सुनवाई के दौरान पी.सी.सी.एफ और अन्य अधिकारियों ने केरला से आई एक्सपर्ट की रिर्पोर्ट पर आपत्ति जाहिर की है। जिसपर हाईकोर्ट ने 2 दिनों के भीतर कोर्ट में लिखित आपत्ति दर्ज करने की अनुमति दे दी है।
मालूम हो कि बाहर से आई एक्सपर्ट टीम ने हाथी के हालत को बेहद गंभीर बताया था। हाथी के देखभाल और इलाज के संबंध में बेहद ही निराशाजनक रिर्पोट पेश की थी। जानीकर के अनुसार याचिकाकर्ता नितिन सिंघवी ने एक जनहित याचिका दायर कर कहा था कि अचानकमार टाइगर रिजर्व में जंगली हाथी को जंजीर से बांधकर रखा गया है। हाथी का पैर सड़ने की स्थिति में पहुंच चुका है। बेजुबान हाथी के साथ अन्याय किया जा रहा है। याचिकाकर्ता ने हाथी को उस जगह पर छोड़ने की मांग भी की थी जहां से वह भटककर अचानकमार पहुंचा।