डोंगरगढ़-मुंगेली-कटघोरा जुड़ेंगे रेल लाइन से

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नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि छत्तीसगढ़ जैसे प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण राज्य में रेलवे नेटवर्क का विस्तार देश के विकास के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में रेलवे का विस्तार एक विशेष ज्वाइंट वेंचर कंपनी के माध्यम से किया जायेगा । सुरेश प्रभु नई दिल्ली के रेल भवन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की उपस्थिति में भारतीय रेल और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच तीन रेल कॉरीडोर परियोजनाओं के लिए किए गए एम.ओ.यू. हस्ताक्षर समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर कोरबा के लोकसभा सासंद डॉ. बंशीलाल महतो भी उपस्थित थे।

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           सुरेश प्रभु ने कहा कि देश में इस वर्ष में रेलवे नेटवर्क में सबसे अधिक विस्तार हुआ है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने रेलवे के विस्तार के लिए राज्य सरकार की ओर से आगे बढ़कर जो कदम उठाये है वो छत्तीसगढ़ में रेलवे के विस्तार की उनकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार रेलवे मंत्रालय के सहयोग से राज्य में रेलवे के विस्तार के लिए कटिबद्ध है। शीघ्र ही यह 50 किलोमीटर तक पहुंच जायेगा। उन्होंने बताया कि भारतीय रेल के साथ हम तीन कॉरीडोर परियोजनाओं के लिए एम.ओ.यू. कर रहे हैं।

                     इसके तहत छत्तीसगढ़ में 762 किलोमीटर रेल नेटवर्क बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रथम रेल नेटवर्क डोंगरगढ़-खैरागढ़-कवर्धा- मुंगेली-कोटा-कटघोरा से बिलासपुर को जोड़ेगा, जो 270 किलोमीटर का होगा। यह रेल नेटवर्क 5 जिलों को जोड़ेगा, जिसमें से दो जिले अभी तक रेलवे से बिलकुल अछूते हैं। द्वितीय रेल नेटवर्क अम्बिकापुर-बरवाडीह के बीच 182 किलोमीटर का होगा। यह मुम्बई-कोलकाता के बीच की दूरी को कम करने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। इससे मुम्बई-कोलकाता के बीच रेल यातायात को व्यवस्थित करने में भी मदद मिलेगी। तीसरा रेल नेटवर्क रायपुर- बलौदाबाजार -झारसुगड़ा के बीच 310 किलोमीटर का होगा। यह छत्तीसगढ़ के रेल विहीन बलौदाबाजार सहित चार जिलों को जोड़ेगा और पड़ोसी राज्य ओडिसा भी इससे जुड़ेगा।

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