प्रेरकों ने मांगा नियमितकरण का तोहफा

BHASKAR MISHRA
2 Min Read

4/26/2002 9:22 PMबिलासपुर—निरक्षरों को साक्षर करने की महती जिम्मेदारी लेनेवाले प्रेरकों ने आज लंबी रैली निकालकर अपनी एकता का  प्रदर्शन किया। प्रेरकों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री और मुख्यमंत्री के नाम लिखित पत्र जिला प्रशासन को सौंपा। प्रेरकों ने नियमितिकरण और प्रतिमाह पन्द्रह हजार वेतन दिये जाने की मांग की है।

             
Join Whatsapp Groupयहाँ क्लिक करे

                 जिला प्रेरक संघ के अध्यक्ष गोविन्द यादव ने बताया कि 2006-07 में मीनि पीएससी से सभी प्रेरकों का चुनाव हुआ। उन्हें प्रदेश के सभी जिलों में निरक्षरों को साक्षर बनाने की महति जिम्मेदारी दी गयी। प्रत्येक तीन माह में तीस निरक्षरों को साक्षर बनाने का लक्ष्य दिया गया। समुचे प्रदेश में उन्हें 6 लाख महिलाओं और एक लाख पुरूषों को साक्षर बनाने को कहा गया। हमने ईमानदारी से काम किया। प्रदेश सरकार ने इस काम के लिए कई जिलों को सम्मानित भी किया है।

            गोविन्द ने बताया कि इस समय प्रदेश में 22 हजार प्रेरक काम कर रहे हैं। उनका वेतन प्रतिमाह केवल दो हजार रूपए है। प्रतिदिन के हिसाब से उन्हें 66 रूपए सत्तर पैसे मिलते हैं। जबकि उन्होने जिन्हे साक्षर बनाया है उन्हें एक दिन की मजदूरी 157 रूपे मिलती है। केवल 66 रूपए  में परिवार का खर्च चलाना मुश्किल है। गोविन्द ने बताया कि साक्षरता अभियान एक समय सीमा तक ही चलेगा। इसके बाद उनके सामने रोजी रोटी का संकट गहराने वाला है। उनकी उम्र भी शासकीय सेवा की सीमाओं को पार कर गयी है।

          गोविन्द् ने बताया कि हम लोगों ने आज जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखा मांग की है कि 2013 चुनावी घोषणा के अनुरूप उन्हें शिक्षाकर्मी का दर्जा दिया जाए। साथ ही प्रतिमाह पन्द्रह हजार वेतन दिया जाए। जिससे उनके परिवार का भरण पोषण हो सके। गोविन्द ने बताया कि यदि उनकी मांगो को नजरअंदाज किया जाता है तो वे लोग उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।

close