कांग्रेस ने की जांच की मांग

BHASKAR MISHRA
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rijaviरायपुर— म.प्र. पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष इकबाल अहमद रिजवी, प्रदेश कांग्रेस महामंत्री अब्दुल हमीद हयात मदरसा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हसन खान ने एक संयुक्त बयान में महाराष्ट्र के लातूर जिला स्थित पानगांव थाना मैं तैनात पुलिस अधिकारी युनुस शेख पर हमले की निंदा की है। मारपीट करने की अमानवीय घटना को को निंदनीय बताया है।

          कांगेसियों ने घटना की केन्द्र और महाराष्ट्र सरकार से वारदात की तह तक जाने की मांग की है। उन्होने कहा कि केन्द्र और गैर-कांग्रेसी राज्यों में वर्ग विशेष के विरूद्ध अमानवीय, साम्प्रदायिक और आपराधिक कृत्य बढ़ गये हैं। ऐसा लगता है कि वर्तमान में गैर कांग्रेसी सरकारों में दहशतगर्द साम्प्रदायिक दलों ने संगठनों, अल्पसंख्यकों और दलितों के विरूद्ध अपराध करने का लायसेंस दे दिया गया है। उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर, दादरी एवं लातूर की घटनायें आपराधिक तत्वों की दहशतगर्दी के ज्वलन्त उदाहरण हैं।

          उन्होंने कहा है कि लातूर की इस शर्मनाक असंवेदनशील वारदात ने भारत को पूरी दुनिया में शर्मसार किया है। मुस्लिम थानेदार थाने के अंदर भी असुरक्षित हैं।  घटना की न्यायिक जांच करवाना महाराष्ट्र सरकार का नैतिक दायित्व है। लातूर की घटना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत से अपेक्षा है कि वे अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त देंगे। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के सदस्य एवं केन्द्रीय राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की इस विषय पर खामोशी मोदी सरकार की मंशा पर प्रश्नचिन्ह लगाती है। लातूर की घटना अल्पसंख्यकों के प्रति व्याप्त असहिष्णुता का जीता जागता सबूत है।

 

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