बिलासपुर–चिकेन पाक्स यानी चेचक को गंभीर बिमारी के रूप में नहीं देखा जाता है। सामान्य परिस्थितियों में चिकेन पाक्स से पीड़ित व्यक्ति का इलाज घर बैठे भी हो जाता है। माना जाता है कि कुछ ही दिनों के सामान्य इलाज और जरूरी परहेज के बाद चिकेन पाक्स ठीक हो जाता है। बदलते मौसम के बीच बिलासपुर में चिकेन पाक्स का कुछ ज्यादा ही दिखाई दे रहा है।
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शहर के सिम्स अस्पताल,जिला अस्पताल या फिर कई निजी अस्पतालों में इन दिनों अचानक चेचक पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ गयी है। सिम्स में चिकेन पाक्स से एक बच्चे की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग सकते में आ गया है। मौत के कारणों की जांच की जा रही है। चिकित्सकों का मानना है कि चिकेन पाक्स से घबराने की जरूरत नहीं है। संभव हो तो मरीज को डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए। बाजार में उपलब्ध वैक्सिन भी चिकेन पाक्स के रोकथाम के लिए कारगर है।