(बिलासपुर)। यायावर-फोटोग्राफर सत्यप्रकाश पाण्डे (सत्या भाई)की मेहनत के अनुरूप कई बार उन्हे अच्छी तस्वीरे मिली हैं।मजेदार बात यह है कि ये सभी खास तस्वीरें कुदरत-प्रकृति और मूक – मासूम पशुओं की होती हैं।कुदरत की जिस दुनिया में कब-कहां -क्यों – कैसे- क्या -क्या करिश्होमा जाता है, इसका पता किसी को नहीं हो पाता ।ऐसे में फोटूग्राफी की दुनिया का कोई कुशल चितेरा ही ऐसा हो सकता है कि कुदरत के इस करिश्मे को अपने करिश्मे से जादू के ढक्ककन ( कैमरा) में कैद कर ले। सत्या के इस करिश्मे को सोशल मीडिया से साभार पेश कर रहे हैं।इन पक्षियों का बड़ा झुण्ड इन दिनों जिले के कोटा स्थित घोंघा जलाशय में देखा जा सकता है।
बार हेडेड बत्तख बहुत ही जीवट पक्षी होते हैं। हर साल 0बसंत ऋतु मे ये भारत से हिमालय माउंट एवरेस्ट को पार कर तिब्बत मे अपने घोसलों तक जाते है। ये ऐसे दर्रों को भी पार कर जाते है जो बारह से चौदह हज़ार फीट ऊपर है। और यहाँ हवा दो सौ मील प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है। और खुला मांस तुरंत बर्फ बन जाता है। इस ऊंचाई मे ऑक्सिजन की मात्रा ज़मीन से एक-तिहाई ही होती है। केरोसिन जल नहीं सकता और हेलीकाप्टर भी उड नहीं पाते है। इनकी लगातार चलने वाली शक्तिशाली उड़ान इन्हे गर्मी देती है और यह गर्मी इनके मोटे फर की वजह से सुरक्षित रहती है। यह गर्मी उनके पंखो पर बर्फ जमने से बचाती है और लंबी उड़ान पूरी करने मे मदद करती है।