रायपुर–पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने केन्द्रीय मंत्री उमा भारती को एक पत्र लिखा है। केन्द्र शासन ने छत्तीसगढ़ के लिये राजीव गांधी राष्ट्रीय ग्राउण्ड वाटर प्रशिक्षण और अन्वेन्षण संस्थान रायपुर के लिये स्वीकृत किया था।परियोजना के लिए केन्द्र सरकार ने 3.97 करोड़ रूपये की राशि भी प्रशिक्षण और अन्वेन्षण संस्थान के लिये स्वीकृत दिया है। निहित स्वार्थ साधने अधिकारियों और निहित स्वार्थियों के द्वारा संस्थान को महाराष्ट्र संभवतः पुणे हस्तांतरित करने की योजना बनाई गई है।
जोगी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लिये स्वीकृत संस्थान के लिये स्थानीय प्रशासन द्वारा रायपुर से लगे ग्राम तूता में उपयुक्त भूमि का चयन भी किया जा चुका था। उपरोक्त संस्थान यदि महाराष्ट्र स्थानांतरित कर दिया जाता है तो छत्तीसगढ़ के लिये दुर्भाग्यपूर्ण होगा। जोगी ने पत्र में कहा है कि संस्थान को छतीसगढ़ में ही रखा जाय। उन्होंने कहा कि चयनित स्थान अधिकारियों को यदि पसंद नहीं है तो रायपुर अथवा नया रायपुर में स्थापित किया जाए। जोगी ने कहा कि तीर्थस्थल अमरकंटक के पास मरवाही क्षेत्र में स्थित अंजनी गांव में उपलब्ध सैकड़ो एकड़ खाली जमीन या फिर अमरकंटक से 4 किमी दूर अजमेरगढ़ पठार में भी लगभग 1000 एकड़ का समतल पाट पर राजीव गांधी राष्ट्रीय ग्राउण्ड वाटर प्रशिक्षण और अन्वेन्षण संस्थान को स्थापित किया जा सकता है। संस्थान के छत्तीसगढ़ में स्थापित होने से छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य को लाभ मिलेगा। अन्य प्रदेशों को योजना से फायदा होगा।
जोगी ने कहा कि वह इस संथान के स्थापना के लिये स्थानीय स्तर पर राज्य शासन के अधिकारियों से बातचीत कर संस्थान को छत्तीसगढ़ में ही रहने के लिये निवेदन करेंगे। उन्होंने स्थानांतरित किये जाने वाली दुर्भाग्यपूर्ण कार्यवाही को रोकने और व्यक्तिगत रूप से संस्थान को छत्तीसगढ़ में रहने देने का केन्द्रीय मंत्री उमा भारती से आग्रह करेंगे