बिलासपुर। बुधवार को मुंगेली जिले के ग्राम जरहागांव में आयोजित संकल्प स्वच्छ मुंगेली एवं जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर में क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों के सरपंचों ने अपने ग्राम को खुले मंे शौच मुक्त करने की तिथि से अवगत करा रहे थे। विगत् दिवस 05 मार्च 2016 से मुंगेली जिला को खुले में शौच मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया है। इस अभियान में महिलाओं की भी उत्साहजनक भागीदारी है। संभागायुक्त सोनमणि बोरा ने जरहागांव में आयोजित संकल्प स्वच्छ मुंगेली एवं जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर में संबोधित करते हुए कहा कि मुंगेली जिले को खुले मंे शौच मुक्त बनाने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। इसके लिए सबको मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि हमें अपने दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुओं की तरह अपने घरों की सबसे पहली प्राथमिकता शौचालय बनाने हेतु प्रयास करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि घर मंे शौचालय होना सम्मान की बात है। सिर्फ अपने घरों में शौचालय बनाने से स्वच्छ परिवार और ग्राम की कल्पना नहीं की जा सकती। इसके लिए गांव के प्रत्येक घरों में शौचालय बनाने हेतु प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि खुले में शौच करने से होने वाली विभिन्न संक्रामक बीमारियों से बचा जा सकता है। संभागायुक्त ने ग्रामीण महिलाओं को भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आव्हान किया। महिलाएं अपने घर परिवार के साथ ही पूरे गांव एवं जिले को स्वच्छ बनाने में मदद कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि हमंे संकल्पित होना होगा कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ एवं स्वस्थ्य बीमारी रहित ग्राम सौंपे।
कलेक्टर डाॅ. संजय अलंग ने अपने संबोधन में कहा कि स्वच्छ मुंगेली बनाने के इस महाभियान में महिलाओं एवं ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों विशेषकर सरपंचों और ग्राम सभा के सदस्यों की महती भूमिका है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत बहियाकांपा में आयोजित ग्राम सभा सोशल इंजीनियरिंग के माध्यम से स्वच्छता में सफलता हासिल की है, वह सराहनीय है। उन्होंने इस अभियान में सरपंचों की सकारात्मक प्रतिस्पर्धा की प्रशंसा करते हुए कहा कि अपने ग्राम पंचायतों के प्रत्येक घरों में शौचालय बनवाना अब सम्मान की बात मानी जाती है। शिविर में ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने आकर अपने-अपने ग्राम पंचायतों में बनाये जा रहे शौचालयों की जानकारी दी।