रायपुर—छ.ग. अल्पसंख्यक आयोग के प्रथम अध्यक्ष इकबाल अहमद रिजवी ने भाजपा सरकार के बजट पर प्रतिक्रिया में कहा है कि प्रदेश सरकार के तीसरे बजट में भी अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं है। बजट से अल्पसंख्यकों के प्रति भाजपा सरकार की मानसिकता का परिचय मिलता है।
रिजवी ने प्रदेश सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा है कि यदि भाजपा में अल्पसंख्यकों के प्रति जरा भी सहानुभूति होती तो वह कांग्रेस शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी के कार्यकाल में 473 उर्दू शिक्षकों के स्वीकृत पदों पर बारह साल बाद ही सही बेरोजगार अल्पसंख्यकों को नौकरी उपलब्ध करा सकती थी। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं किया गया है। सभी पद आज भी रिक्त हैं।
रिजवी ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि कांग्रेस शासन काल में स्वीकृत हज हाउस के निर्माण बाबत बजट में किसी भी प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है। ना ही उसके निर्माण की हामी ही भरी है। साल 2006 में पिथौरा दंगों में प्रभावितों को हुए नुकसान की मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया गया है। कलेक्टर से कराये गये सर्वे की बाकी राशि का आबंटन का जिक्र बजट में नहीं है। बजट में पूरी तरह से अल्पसंख्यकों को दरकिनार कर दिया गया है।