बिलासपुर— परसदा स्थित धरमलाल कौशिक के निवास पर आज श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ में श्रद्धालुओं का भारी भीड़ देखने को मिली। उपस्थित लोगों ने व्यास संत अतुल कृष्ण के मुखारबिन्द से भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का जमकर आनंद उठाया। श्रद्धालु भगवान छलिया का गुणगान सुनकर भाव विभोर हो गए। महाराज अतुल कृष्ण ने कहा कि कथा ज्ञान को सिर्फ सुना ही नहीं बल्कि गुना भी जाए। जीवन सफल हो जाएगा। सारे कष्ट अपने आप दूर हो जाएंगे। जीवन में अशांति का नामो निशान नहीं होगा।
आज कथा का आनंद निकाय मंत्री अमर अग्रवाल,खाद्य मंत्री पुन्नू लाल मोहिले,लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत,छत्तीसगगढ़ गृहनिर्माण मंडल के अध्यक्ष भूपेन्द्र सवन्नी,बिलासपुर सांसद लखनलाल साहू,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष धरम लाल कौशिक समेत प्रदेश के कई बड़े नेताओं के अलावा जिले के आलाधिकारियों ने भी लिया।
श्री मद् भागवत ज्ञान यज्ञ में आज श्री कृष्ण की लीलाओं का श्रद्धालुओं ने आनंद लिया। कथा व्यास संत ने कहा कि जीवन में अशांति का वास हो गया है। हर इंसान परेशान है। इसकी मूल वजह भगवान से लगातार दूरी का होना है। वर्तमान जीवन को मद्यपान, नशे ने बुरी तरह से जकड़ लिया है। लोग भ्रम में है कि तम्बाकू सिगरेट और शराब को हमने पचा लिया है। सच्चाई इसके विपरीत है। आज तक किसी ने तम्बाकू,बीड़ी सिगरेट को पचा नहीं पाया है। उल्टा इन दुर्गुणओं पीढ़ियों को मौत के मुंह में झोंका है। इसकी मुख्य वजह हमारी दृढ़ इच्छाशक्ति का कमजोर होना है। अतुल कृष्ण ने कहा कि भगवान ने अपनी बाल लीलाओं से समाज और विश्व को संदेश दिया है। और हम है कि उस संदेश से धीरे-धीरे कटते जा रहे हैं।
उपस्थित भक्तों को संबोधित करते हुए अतुल कृष्ण महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म बाल लीलाओं का हमारे समाज को दिया गया सुखद संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण ने बृन्दावन का मिट्टी खाया। आज तक किसी भगवान ने अपने बचपन में मिट्टी को नहीं खाया है। भारत भूमि की मिट्टी धन्य है जिसे भगवान ने सेवन किया। यह सब बाल लीलाओं का एक हिस्सा है। माखन चोर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कथा व्यास संत ने कहा कि बृन्दावन की गोपियां सिद्ध ऋषि आत्मा थी। उनका जन्म पूर्व प्रायोजित गोपियों के रूप में हुआ। अतुल कृष्ण महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओँ को देखने ही ऋषिओं का जन्म गोपियों के रूप में हुआ।
उन्होने कहा माखनचोर ने माखन चोरी मात्र इसलिए नहीं की कि उनके पास किसी प्रकार की कमी थी। बल्कि गोकुल को धन्य करने के लिए भगवान ने सारी लीलाएं रची। जब कृष्ण माखन नहीं चुराते तब भी गोकुल वासियों को तकलीफ होती थी। जब चुराते थे तो उन्हें कृष्ण से खिलवाड़ करने का अवसर मिलता था। अतुल कृष्ण ने कहा कि नटखट भगवान हमेंशा अपने सखा जीव जन्तुओं को चोरी में शामिल किया और उनकी रक्षा भी की। अपने सखा को हमेशा बचाया। महाराज ने कहा बाल जीवन अद्भुत समय होता है। बालक भगवान का स्वरूप होता है। इस स्वरूप का लोग आनंद उठाएं। साथ ही समाज के लिए नेक इंसान तैयार करें।
कार्यक्रम के दौरान भगवान कृष्ण के भजन को सुनते ही लोग अपने स्थान से उठकर थिरकने लगे। तालियां बजाकर नटवर नागर की बाल लीला को याद भाव विभोर हो गए। पूरा पंडाल कृष्ण रंग में रंग गया। उपस्थित लोग नाचते हुए गोपियों की तरह नजर आये।