वाह बिलासपुर..मज़ा आ गया..

Shri Mi
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ट्वेन्टी-ट्वेन्टी फटाफट क्रिकेट के इस दौर में शहर के हालात पर होलियाना अंदाज में गुगली बालिंग के जरिए हमारे पत्रकार साथी व्योमकेश त्रिवेदी ने बढ़िया कमेंट्री की है। जिसे उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा किया है और हम जस का तस पेश कर रहे हैं –
व्योमकेश त्रिवेदी का लिखा

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यकीन कीजिए… छत्तीसगढ़ की सभी प्रकार की “ धानी “ अद्भुत बिलासा नगरी ने इंटरनेशनल लेवल पर माडर्न सिटी के खिताब पर कब्जा कर लिया है। इस नगरी में बनाई गईं इंटरनेशनल स्टैण्डर्ड की सड़कें शानदार 4 और 6 लेन हो गई हैं…सड़कों को देखकर आंखों पर यकीन ही नहीं होता… सुंदर सड़कें देख सभी के मुंह से बरबस एक आह निकल जाती है…

                अरबों रुपए खर्च कर बनाई गईं शहर की सड़कों में लैंस से देखने पर भी गड्ढे नहीं दिखते, आटो में भी चलो तो भरी कटोरी का दूध नहीं छलकता…गौरव पथ पर 150 की स्पीड से कार दौड़ा सकते हैं….मिशन हास्पिटल रोड पर तो कार उड़ा भी सकते हैं…और धूल…शहर के लोग धूल क्या होती है, यह भूल चुके हैं…

              अंडरग्राउंड सीवरेज की अपार सफलता के कारण गंदगी पाताल में चली गई है…अब शहर में कचरे का एक तिनका भी नजर नहीं आता…और तो और ढूंढने पर भी मच्छर नहीं मिलते…शहर के मच्छर विशेषज्ञ इनकी विलुप्त होती प्रजाति को लेकर चिंतित हैं…

             सड़कों पर घूमने वाले आवारा कुत्तों को दण्डकारण्य भेज दिया गया है…कभी भी गाड़ी के सामने आ जाने वाले आवारा पशुओं को गोकुलधाम में हरी हरी घास खिलाई जा रही है…

             अरपा टेम्स नदी बन गई है…इस टेम्स नदी और स्मृति वन की सुंदरता देखने विदेशों से बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं…इससे भारत सरकार को पर्याप्त विदेशी मुद्रा मिल रही है…शहर की हरियाली देख अचानकमार टाईगर रिजर्व का जंगल भी शरमा जाता है….

              अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में अंतरराष्ट्रीय मैच होने लगे हैं…शहर में विश्वस्तरीय खेल सुविधा उपलब्ध होने से अनेक विदेशी खिलाड़ी यहीं परिवार सहित रहने लगे हैं…उनसे हमारे शहर की प्रतिभाओं को बेस्ट ट्रेनिंग मिल रही है, वे विश्वस्तर पर परफारमेंस भी देने लगे हैं….

                सरकारी अस्पताल भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के हो गए हैं, इन अस्पतालों में अब दांत तुड़वाने जाने वालों के पैर में प्लास्टर नहीं लगाया जाता… घुटने का इलाज कराने जाने वालों के घुटने का ही एक्सरे लिया जाता है, उनका सिटी स्कैन नहीं किया जाता….इसी तरह अब डिलिवरी के लिए पत्नी को अस्पताल ले जाने वाले पति की पत्नी का ही आपरेशन होता है…

                सरकारी अधिकारी, कर्मचारी दफ्तरों में मिल जाते हैं, काम कराने के लिए उनके घर नहीं जाना पड़ता….अब दुकालू और सुकालू भी महज टेलीफोन से सूचना देकर अपना काम करा लेते हैं….पुलिसवाले गुंडे, मवालियों, चोरों, लुटेरों को पकड़ लेते हैं….ट्रैफिक वाले बिना जेब की वर्दी पहनकर ट्रैफिक ही देखते हैं, गाड़ी के कागजात नहीं….

              इधर व्यवस्था सुधरते ही लोग भी सुधर गए हैं…शहर की दवा दुकानें सारी रात खुली रहती हैं, दारू की दुकानें शाम होते ही बंद हो जाती हैं….पीने वालों ने शराब से तौबा कर भजन कीर्तन आरंभ कर दिया है…चाकू छूरी से सब्जी कट रही है, कट्टे और रिवाल्वर से बंदर भगाए जाते हैं….अब शहर के किसी भी इलाके में सड़क और नाली पर बेजा कब्जा नहीं होता है…सड़कों के किनारे ठेले नहीं खड़े होते, सब्जी की दुकान नहीं लगती, लिंक रोड, टेलीफोन एक्सचेंज रोड, सदर और गोलबाजार में बीच सड़क पर बाइक और चार पहिया वाहन नहीं खड़े किए जाते….

                लोग जहांतहां सड़कों, दीवारों आदि में पान गुटखा खाकर पीक नहीं मारते, वे अब जगह जगह बनाए गए स्पेशल “ पीक सेंटर “ में ही शराफत से पीक मारते हैं, उनकी पीक सीवर लाइन से होते हुए ट्रीटमेंट प्लाण्ट पहुंच जाती है।ट्रैफिक सिग्नल का सभी लोग पालन करते हैं, रेड लाइट में कोई रोड क्रास नहीं करता…सड़कों पर कोई रांग साइड नहीं चलता…मोबाइल फोन पर बात करते हुए कोई कार या बाइक नहीं चलाता…महिलाएं लेफ्ट साइड का इंडिकेटर देकर लेफ्ट साइड में ही मुड़ती हैं…

              अमेरिकी स्टाइल में डेवलप होने के बाद अब शहर में कोई काम नहीं बचा है, सरकार ने शहर के लिए फूटी कौड़ी सेंक्शन करना बंद कर दिया है… गुड़ का समापन होते ही मक्खियों ने शहर को ड्राई एरिया घोषित कर दिया है…वास्तुकला के अनोखे विशेषज्ञ ठेकेदार वानप्रस्थी हो गए हैं, अपराधी पलायन कर गए हैं….अब पुलिसवाले बिलासपुर की जगह नक्सली एरिया को प्राथमिकता देने लगे हैं… दूसरे विभागों के सरकारी अधिकारी, कर्मचारी भी तबादले की नीलामी में ऊंची बोली लगाकर यहां से भाग गए हैं……….

…सभी प्रजातियों के नेता भी दीक्षा लेने के लिए हरिद्वार, ऋषिकेश में गुरु की तलाश कर रहे हैं….

….व्योमकेश…

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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