चौकीदार को बनाया पर्चा लीककाण्ड का सरगना

BHASKAR MISHRA
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IMG-20160325-WA0066बिलासपुर–बिलासपुर विश्वविद्यालय पर्चा लीककांड़ का भांड़ा फोड़ते हुए कोतवाली पुलिस ने 8 लोगो को हिरासत में लिया है। मुख्य आरोपी विश्वविद्यालय के चौकीदार को बनाया गया है। 23 तारीख को मामले का खुलासा बिलासपुर रेंज के आईजी ने पत्रकारो के सामने बिलासागुड़ी में की थी। पुलिस ने 15 तारीख की पर्चालींक काण्ड के मुख्य आरोपी से 29 मार्च को होने वाले बीएससी प्रथम वर्ष गणित की मुख्य परीक्षा पर्चा बरामद किया था।

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                     15 मार्च को आयोजित बीएससी प्रथम वर्ष मुख्य परीक्षा अंग्रेजी के पेपर लीक होने के बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन परेशान था। छात्रो को  परीक्षा से चंद घंटे पहले वाट्सएप के जरिए अंग्रेजी की मूलपेपर की जानकारी मिल गयी थी। इसके बाद विश्वविद्यालय कुल सचिव ने मामले में आई जी पवन देव से शिकायत की थी। आईजी पवन देव के दिशा निर्देश पर पुलिस की टीम ने मामले की जांच शुरू की।

                    सीएसपी कोतवाली और सिविल लाइन के नेतृत्व में थाना प्रभारी इशहाक खलको ने साइबर सेल से मामले की जांच शुरू की।  वाट्सएप में जिन छात्रो के पास पेपर पहुचा था उनसे गहन पूछताछ के बाद पुलिस ने डुडगा के केशव जयसवाल को पेपर बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि केशव को मुख्य परीक्षा का पर्चा धनेन्द्र डिक्सेना ने वाट्सएप से दिया था।

                            दोनो के बीच हुई बातचीत में पेपर बेचने संबंधी जानकारी सामने आयी। पुलिस ने मोबाइल फोन जब्त करने और कार्रवाई के बाद दोनो ने अपना अपराध स्वीकार किया। जांच के दौरान पुलिस ने प्रोफेसर और विद्यार्थियो से लम्बी पूछताछ भी की। टीम को मालूम हुआ कि जांजगीर के ग्राम कुरियारी थाना शिवरीनराण का छात्र यदुराणा यादव डीपी कॉलेज का छात्र है। वह भी पर्चा लीककाण्ड से जुडा है। उसने कुछ लोगों से रूपए लेकर पर्चा बेचा है।

         पुलिस ने यदुराणा को हिरासत में लिया। पहले तो वह गुमराह करता रहा। बाद मे पुलिस के सामने टूट गया।यदु ने बताया कि खरौद निवासी सागर केशरवानी से उसने पेपर खरीदा था। पुलिस पूछताछ में सागर नरेन्द्र यादव और मुकेश कटकवार का नाम लिया। पुलिस ने इसके बाद दोनों को गिरफ्तार किया। उन्होने पेपर गीतेश देवांगन और आकाश केशरवानी खरौद से लेना बताया।

                      पुलिस ने गीतेश और आकाश को हिरासत में लेकर गहन पुछताछ शुरु की तो पहले दोनो गुमराह करते रहे। बाद में टूट गए। दोनों ने बताया कि उन्हे बिलासपुर विश्वविद्यालय में कार्यरत चपरासी राजकुमार यादव से पेपर मिला है। मुख्य आरोपी का नाम सामने आते ही पुलिस ने बिलासपुर विश्वविद्यालय में गोपनीय विभाग में पदस्थ चपरासी राजकुमार यादव को दैहानपारा से हिरासत में लिया । राजकुमार ने बताया कि सीलबंद लिफाफे को अवश्यकता अनुसार बनाया जा रहा था।  इसी दौरान उसने बंडल चोरी कर बाहर लाता था। अपने साथी आकाश केशरवानी  को इसकी जानकारी देता था। पेपर को स्ट्रांग रूम से बाहर लाने के बाद आकाश ने गीतेश केशरवानी एसएमएलडी विद्यालय सहायक प्राध्यापक शिवरीनरायण जांजगीर-चांपा के माध्यम से पेपर को एक-एक हजार रूपये में बेचा। पुलिस ने सभी आरोपियो को गिरफ्तार कर न्यायलय में भेज दिया है।

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