जीवन सीखने का नाम…बिलासपुर से जुड़कर गर्व-संभागायुक्त

BHASKAR MISHRA
8 Min Read

IMG_20160401_151823बिलासपुर। बिलासपुर से मेरा कोई बहुत पुराना नाता है। यह मेरा दूसरा घर है। इसे छोडने की बात सुनकर भी पीड़ा होती है। एक सेवक होने के कारण प्रक्रिया का पालन सबको करना पड़ता है। मुझे भी उस प्रक्रिया का पालन करना ही होगा। रायपुर में रहकर मेरा दिल और दिमाग बिलासपुर से जुड़ा रहेगा। यहां के लोग बहुत अच्छे हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश में मुझे सेवा का अवसर मिला। यह अपने आप में मेरे लिए गर्व की बात है। खुशी है कि मुझे सरकार ने जो भी काम दिया यहां के लोगों के सहयोग से पूरा किया। हमारा काम ही जन की सेवा की सेवा करना। मैने वैसा ही किया। बतौर कमिश्नर मुझे जो जिम्मेदारी सौंपी गयी। उसे पूरा करने में लोगों का भरपूर सहयोग मिला। कुछ काम अधूरे रह गये लेकिन उम्मीद है कि वह भी पूरा हो जाएगा। संभागायुक्त कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान यह बातें कमिश्नर सोनमणि बोरा ने कही।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                                 बोरा ने बताया कि जीवन में चुनौती आती रहती है। मेरा विश्वास है कि उसका मिलजुलकर सामना किया जा सकता है। परिणाम भी अच्छा होता है। मुझे यहां के सभी वर्गों से भरपूर सहयोग मिला। कमिश्नर रहते हुए सभी लोगों ने भरपूर प्यार दिया। साथ ही कमिश्नर पद की गरिमा को भी बनाए रखा। मै भाग्यवान हूं कि बिलासपुर मेरी कर्मस्थली बनी। यहां के लोग बहुत सरल है। बोरा ने कहा कि मुुझे मंत्रालय प्रमोशन में मंत्रालय भेजा जा रहा है। जाहिर सी बात है कि यह किसी भी अधिकारी के लिए सुखद अवसर होता है। मुझे भी है। लेकिन बिलासपुर छोड़ने का दुख भी है। बावजूूद इसके बिलासपुर और यहां के लोग हमेशा मेरे दिल में ही रहेंगे।

                 पत्रवार्ता के दौरान कमिश्नर सोनमणि बोरा काफी भावुक नजर आए। पत्रकार भी काफी संवेदनशील थे। पत्रकारों के एक एक सवालों का जवाब कमिश्नर ने बड़े ही सहज अंदाज में दिया। जैसा कि वे देते रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरे कमिश्नरी कार्यकाल में उपलब्धियां बहुत हैं। लेकिन चुनौती नसबंदी आपरेशन के बाद पीड़ितों को बचाने की थी। जिसे जन सामान्य के सहयोग से पूरा भी किया गया। उन्होने कहा कि लोगों के सहयोग और विशेषकर पत्रकारों की जागरूकता से अधिकारियों ने मिलजुलकर काम किया। ऐसी विषम स्थिति और चुनौती किसी के सामने ना आए। हमारा प्रयास था कि कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों को कैसे बचाया जाए। हम इस अभियान में सफल भी रहे। यह सब माता महामायी का आशीर्वाद और लोगों के सहयोग से संभव हुआ।IMG-20160331-WA0028

                               निवर्तमान संभागायुक्त सोनमणि बोरा ने कहा कि मेरी पहली पोस्टिंग रतलाम में हुई। बाद में बिलासपुर में कई विभागों मे जिम्मेदारियों को निभाया। कमिश्नर बनने के बाद इसका मुझे फायदा भी मिला। माता महमायी ने मुझे बहुत कुछ दिया। यहीं कलेक्टर बना बाद में कमिश्नर होने का सौभाग्य मिला। बोरा ने कहा कि मुझे बिलासपुर की धरती पर गर्व है। मेरे बच्चे भी यहां पैदा हुए। समृद्धि के सारे सोपान मुझे बिलासपुर से ही मिले।

                                            Sambagayukt drwara rajsav adikriyo ki baithak(1)बोरा ने पत्रकारो के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कमिश्नर रहते हुए मेरा प्रयास रहा कि बिलासपुर संभाग को राजस्व विवाद मुक्त बनाया जाए। काफी हद तक सफल रहा। इस दिशा में अधिकारियों ने जमकर काम किया। हमने जनसहयोग से इस साल राजस्व से जुड़े करीब सात सौ विवादित मामलों को निपटाया। देखने मे आता है कि राजस्व के मामले को निपटालने में दसों साल लग जाते हैं। लेकिन अधिकारियों ने पूरी गंभीरता से काम करते हुए पिछले साल की तुलना में इस साल दो गुना राजस्व के मामले को शार्ट आउट किया है।

     mungeliबोरा ने बताया मुझे रतलाम,दुर्ग,रायपुर,सरगुजा,जांजगीर,बिलासपुर,कोरिया में काम करने का अवसर मिला। लेकिन बिलासपुर की बात ही कुछ अलग है। कुछ ऐसे काम है जो जल्द ही पूरा होने की ओर अग्रसर है। यदि वह मेरे रहते हो जाता तो और भी बेहतर होता। लेकिन यह सब कुछ वक्त के साथ होता है। वह भी पूरा वक्त पर ही होगा। बोरा ने बताया कि संभाग के चार हजार आठ सौ अड़ितस गांवों में से करीब ग्यारह सौ गांवों को राजस्व विवाद मुक्त कर दिया गया है। दुख है कि अचानकमार टाइगर रिजर्व में कुछ अधूरे काम पूरे नहीं हो सके। लेकिन जल्द ही पूरा हो जाएगा। बोरा ने बताया कि जब कलेक्टर था तब कोटमी सुनार देखने को मिला। वहा जानवर और मानव किस तरह से सामंजस्य से रहते हैं। पहली बार ऐसा अद्भुत नजारा मेरे सामने आया। खुशी है कि कुछ महिनों बाद वह अभ्यारण्य का स्वरूप ले लेगा। कोटमीसुनार को विकसित करने मेें लोगों ने मेरा जमकर सहयोग दिया।IMG_20160401_160639

                        उन्होंने कहा कि जांजगीर रेशम हब है..आने वाले समय में इसका भविष्य उज्जवल है। इ स दिशा में काम भी चल रहा है। रेशम उद्योग स्थापित होने के बाद क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं बनेंगी। बोरा ने कहा कि मुझे स्वयं कार्यक्रम के जरिए विकलांग भाई बहनों से मिलने और  समझने का अवसर मिला। स्किल डेवलपमेंट के जरिए उन्हें विकसित भारत के मुख्य धारा में शामिल किया जा रहा है। यह प्रक्रिया दिल को छूने वाली है। बोरा ने बिलासपुर संभाग में स्वच्छ भारत मिशन की सफलता पर खुशी जाहिर की। उन्होने कहा कि बिलासपुर चाहे तो कुछ भी असंभव नहीं।

                                      बोरा ने बताया कि अनुभव लोगों को बहुत सीखाता है। मै भी अभी सीख रहा हूं। सीखाने वाले हमारे बिलासपुर के ही भाई बहन है। इस प्रक्रिया का सबको करना चाहिए। मैं भी सीखकर ही आगे बढ़ रहा हूं। उन्होने कहा कि मुझ पर कमिश्नर पद की गरिमा को स्थापित करने की भी जिम्मेदारी थी। यह सब हमारे बिलासपुर के लोगों के प्रयास संभव हुआ।

                           प्रेस वार्ता के बाद पत्रकारों ने बताया कि शायद यह पहला अवसर है कि पत्रकारों ने किसी अधिकारी के लिए जन्मदिन का केक काटा हो। भावुक कमिश्नर ने कहा कि बिलासपुर शहर ही कुछ ऐसा है कि इसे छोड़ने की इच्छा नहीं होती। अंत में उन्होंने सबको बधाई देते हुए रायपुर आने की बात कही।

close