होलियारों ने शव निकालकर निभाई परंपरा

BHASKAR MISHRA
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R_CT_RPR_546_01_MASTI_VIS_VISHAL_DNGबिलासपुर–होली बीते एक हफ्ते से भी ज्यादा समय हो चुका है। फिर भी होली की खुमारी और मस्ती का दौर खत्म नहीं हुआ है। शहर में जगह-जगह होली मिलन समारोह का आयोजन किया जा रहा है। बच्चे और बूढ़े मिलन समारोह के बहाने अपने आप को तरो ताजा महसूस कर रहे हैं। जमकर मस्ती भी कर रहे हैं।
                    मस्ती का ऐसा ही एक नजारा बिलासपुर में भी देखने को मिला। एक बारगी में यह नजारा  दिल को छू देने और मातम वाला नजर आया । किसी व्यक्ति के शव को ले जाया जा रहा  था। लाश को रस्मो रिवाज के साथ लोग मुक्तिधाम ले जा रहे थे। नजदीक पहुंचने पर मालूम हुआ कि लोग अभी भी होली की मस्ती में डूबे हुए हैं।री
                              दरअसल बच्चे बुराई के प्रतीक नकली शव को कंधे पर लेकर घर-घर घुमा रहे थे। साथ ही गंभीरता के साथ मौज मस्ती भी कर रहे थे। इस दौरान उपस्थित लोगों ने बताया कि समाज की पुरानी परंपरा है। इससे हमारे समाज और शहरवासियों पर गलत हवाओं का असर नहीं होता है। ऐसा माना जाता है कि इसके करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
                   बहरहाल ऐसी परंपरा बहुत ही कम देखने को मिलती है।  होली और इसके आस-पास लोग फाग, रंग गुलाल. में व्यस्त हो जाते हैं। बच्चे धूल-धक्कड़ के साथ मौज मस्ती करते हैं। लेकिन शव यात्रा की इस अनूठी परंपरा की जानकारी बहुत ही कम लोगों को है। जो आज भी जीवित है।


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