ई-धरती से मिलेगी राजस्व रिकार्ड की जानकारी

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prem prakash pandeyरायपुर। राज्य शासन ने राजस्व अभिलेखों तथा राजस्व संबंधित प्रकरणों के निराकरण  के लिए ई-धरती कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद नगरीय क्षेत्रों का ज्यादा विकास हुआ । बहुत से गांव नगर में शामिल हो गए है ।  प्रदेश के नगरों के आसपास की कृषि भूमि आवासीय, औद्योगिक तथा वाणिज्यिक प्रयोजन के लिए डायवर्ट हो गई, लेकिन राजस्व रिकार्ड अभी भी गांव का ही बना हुआ है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने बताया कि इसी सिलसिले में आम जनता की परेशानियों को देखते हुए राज्य सरकार नगरीय क्षेत्रों के गांवों का नये सिरे से सर्वेक्षण कर 1.500 के बडे स्केल पर नया नक्शा तथा राजस्व रिकार्ड बनाए जाने का निर्णय लिया है।

                इस काम को पूरा करने के लिए चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 से ई-धरती कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। श्री पाण्डेय ने बताया कि इस ई-धरती कार्यक्रम के तहत शहरी क्षेत्रो का सर्वेक्षण किया जाएगा तथा 1ः500 के बड़े स्केल पर नक्शा एवं अन्य रिकार्ड तैयार किए जाएंगे । तैयार किए गये भू-नक्शा तथा अन्य राजस्व अभिलेखों को कम्प्यूटरीकृत भी किया जाएगा । इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के आबादी जमीन का भी सर्वेक्षण होगा और आबादी भूमि का भी बड़े स्केल पर नक्शे एवं अन्य जरूरी रिकार्ड तैयार किए जाएंगे । राज्य के सभी राजस्व न्यायालयों को ई-न्यायालय में बदला जाएगा, सभी जरूरी राजस्व संबंधी कार्य भी किए जाएंगे ।

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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