सोशल मीडिया की सामने आई लापरवाही,वोरो का निधन

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर।सोशल मीडिया ने आज कुछ घंटो के लिए बिलासपुर वासियों को झकझोर कर रख दिया। बिना सिर पैर की एक खबर ने लोगों की धड़कनों को कुछ पल के लिए रोक दिया। बाद में खबर पुष्ट होने पर लोगों ने चैन की सांस ली। इसके साथ ही एक बार फिर सोशल मीडिया ने अपने गैरजिम्मेदारना हरकत का परिचय दिया। जैसे ही खबर मिली कि महिला एवं बाल विकास सचिव बिलासपुर के पूर्व संभागायुक्त सोनमणि बोरा सड़क हादसे में गंभीर रूप से जख्मी हो गये हैं..बिलासपुर की सांस एक पल के लिए  थम सी गयी।

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                          ऐसा नहीं है कि सोशल मीडिया ने इस प्रकार की गलती पहली बार की हो। हर बार इस उम्मीद के साथ लोग चुप रहे कि जिम्मेदारी का बोध होते ही समय के साथ सोशल मीडिया में परिवक्ता आएगी। बावजूद इसके सोशल मीडिया अपनी आदतो से बाज नहीं आया। पहले दिलीप कुमार,फिर कादर खान और आज सचिव सोनमणि बोरा को अपना निशाना बनाया। आखिर सोशल मीडिया अपनी जिम्मेदारी को कब समझेगा। हर बार अपनी गैर जिम्मेदारना हरकतों, संवेदनहीनता और अपरिपक्वता के चलते बिना किसी प्रमाण के कुछ भी लिख देता है। यदि ऐसे हरकतों से लोग बाज नहीं आएंगे तो वह दिन दूर नहीं जब इसका गंभीर परिणाम भी सामने होगा।

                    आज सोशल मीडिया पर खबर चली कि युवा एवं खेल मंत्रालय सचिव पूर्व संभागायुक्त बलरामपुर में सडक हादसे में बुरी तरह से जख्मी हो गये। कुछ लोगों ने तो इससे भी आगे लिख दिया। सीजी वाल ने खुद बिलासपुर के चहेते पूर्व संभागायुक्त से बातचीत की। उन्होने  बड़प्पन दिखाते हुए कहा कि जब तक लोगों को स्नेह उनके साथ है उन्हें और उनके परिवार को कुछ नहीं होगा। उन्होने बताया कि यह गलती समान नाम के चलते हुई है। हादसा हुआ जरूर है लेकिन सुरामनि वोरो के साथ। वोरा ने सुरामनि वोरा के प्रति श्रद्धाजलि भी अर्पित किया। उनके बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी भी दी।

                      दरअसल हादसा बलरामपुर जिले में पदस्थ पीएमआरडीएफ (प्रधानमंत्री रूरल डव्लपमेंट फेलोशिप) के अधिकारी सुरामनि वोरा के साथ हुआ है। सुरामनी वोरा रविवार की दोपहर राजपुर-बलरामपुर मार्ग पर स्थित ग्राम बासेन, कोदोडिपा मोड़ पर सड़क हादसे के शिकार हो गये। उनकी स्कार्पियो सड़क किनारे एक पेड़ से  टकरा गई। हादसे में सुरामनि वोरो गंभीर रूप से घायल हो गए। आनन फानन में उन्हें अंबिकापुर के जेजे हास्पिटल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी। सुरामनि वोरो का पीएमआरडीएफ का बलरामपुर जिले में बायोमेट्रिक सिस्टम को संचालित करने में बहुत बड़ा योगदान है। निश्चित रूप से उनकी मौत की खबर ने सबको हिलाकर रख दिया है। बलरामपुर इस हादसे को लेकर काफी दुखी है।

                              आसाम निवासी सुरामनि बोरो बलरामपुर में पीएमआरडीएफ पदस्थ थे। रविवार की सुबह किसी काम से अपनी स्कार्पियो वाहन क्रमांक जेएच 14 बी-2646 से शंकरगढ़ गए थे। दोपहर में वोरो खुद वाहन चलाते हुए बलरामपुर लौट रहे थे। राजपुर से 20 किलोमीटर आगे ग्राम बासेन, कोदोडिपा पहुंचे ही थे कि एक मोड़ पर स्कार्पियो अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पेड़ से टकरा गयी।

                           टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि वाहन के सामने का हिस्सा बूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे में उनके सिर समेत शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आई थीं। हादसे के बाद गुजर रहे लोगों ने वोरो को तत्काल राजपुर स्वास्थ्य केंद्र ले गये। नाजुक स्थिति को देखते हुए उन्हें अंबिकापुर स्थित जेजे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान सुरामनि वोरो की मौत हो गई। वोरो की मौत की खबर सुनते ही बलरामपुर जिले में गहरा शोक है।

शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान
सुरामनि बोरो का बलरामपुर -रामानुजगंज जिले में बायोमेट्रिक सिस्टम को संचालित करने में खासा योगदान है। इस सिस्टम को पूरी तरह से अमलीजामा पहनाने में उन्होंने खासी मेहनत की थी। उन्हीं के प्रयास से बलरामपुर- रामानुजगंज के सभी स्कूलों में बायोमेट्रिक सिस्टम का पालन होने लगा। बलरामपुर-रामानुजगंज स्कूलों में बायोमेट्रिक सिस्टम लगाने वाला राज्य का पहला जिला भी बना। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

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