बिलासपुर–भूपेश बघेल जोगेरिया से पीड़ित हैं। अमित जोगी का नाम दिन में तीन बार लिए बगैर उन्हें नींद नहीं आती। उनकी राजनीतिए जोगी को कोसने तक ही सीमित है। भूपेश असुरक्षा की भावना से ग्रस्त हैं। आये दिन मेरे विरुद्ध अनाप.शनाप बयानबाजी करते हैं। सभाओं में भीड़ न आने के डर से एक कमरे में बैठकर केवल बयानबाजी के बल पर पार्टी को चला रहे हैं।
सड़क पर उतरकर सरकार के विरुद्ध जनहित के मुद्दे उठाने से उनका कोई सरोकार नहीं है। भूपेश बघेल जी बिलकुल उस छोटे बच्चे की तरह है जो हमेशा शिकायत करते रहते हैं। भूपेश जी महीने के 20 दिन दिल्ली में जोगी का रोना रोते हैं। छत्तीसगढ़ आकर बचे हुए 10 दिन स्वयं रचित जोगी कथा का वाचन करते हैं। उनके पास जनहित के मुद्दों को उठाने का समय ही नहीं बचता है ।
मैँ अगर किसानों के आँसूं पोंछने का प्रयास करता हूँ तो भी उन्हें पेट में दर्द होता है। मैने मृतक कृषकों के परिजनों को अपना बढ़ा हुआ वेतन क्या दिया भूपेश जी अनाप शनाप बयान देना शुरू कर दिया। उनकी जानकारी के लिए बता दूँ कि 6 अप्रैल 2016 को विधायकों का वेतन सरकार के खाते में जमा किया जा चुका है। अगर भूपेश जी इससे भी संतुष्ट नहीं हैं तो मेरे खाते में जो वेतन आया है उस बैंक ट्रांजेक्शन नंबर नोट कर फ्रेम करा लें।
मैँ भूपेश बघेल जी से सीधा सवाल पूछता हूँ। वो खुद एक जमींदार हैं करोड़पति विधायक हैं। अगर किसान के सच्चे हितैषी हैं तो क्यों स्वीकार किया अपना बढ़ा हुआ वेतन । भूपेश जी सरकार को कहते हैं किसानों से वादाखिलाफी की और खुद भी वही कर रहे हैं। तीन साल में किसानों को कुछ नहीं मिला और विधायकों को दो बार वृद्धि ये गलत है। क्यों नहीं किया भूपेश जी ने इसका विरोध भूपेश जी सदन में गए थे किसानों के बोनस और समर्थन मूल्य की बात उठाने और आ गए अपना खुद का वेतन बढ़ा कर। अब आत्मचिंतन करने की जगह जोगी.जोगी चिल्ला रहे हैं। छत्तीसगढ़ के लोग जानते हैं कि भूपेश अपनी राजनीतिक नाकामियों और अयोग्यता से ध्यान हटाने जोगी नाम का सहारा ले रहे हैं।