आईसेक्ट की देश भक्ति को सलाम-शर्मा

Shri Mi
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aisectरायपुर। छत्तीसगढ़ में डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय और आईसेक्ट संस्थान का होना पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है। डाॅ.सी.वी.रामन् विष्वविद्यालय प्रदेश के लाखों युवाओं को 10 वर्षों से तकनीकी और पारंपरिक शिक्षा दे रहा है, वहीं दूसरी ओर आईसेक्ट ने प्रदेश के लोगों को उनके स्थान में ही रोजगार देकर स्वावलंबी बनाया है। यह विकास की व्यापक सोच और एडवांस तकनीक के साथ काम करने वाला संस्थान है। सही मायने में यह संस्थान कर्म को ही पूजा मानता हैं। इसलिए यह प्रदेश के विकास में भी सहभागी है।

             
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                 उक्त बातें पूर्व शिक्षा मंत्री और विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कही। वे राजधानी रायपुर में आईसेक्ट के अनस्टापेबल विशय पर आयोजित वार्षिक सम्मेलन में मुख्य अतिथि की आसंदी से बोल रहे थे। श्री शर्मा ने बताा कि कोई भी संस्थान इतनी आसानी से इस मुकाम में नहीं पहुंचता। इसके पीछे कड़ी मेहनत और व्यापक दृश्टिकोण है। श्री शर्मा ने बताया आज के कठिन समय में एक युवा को शिक्षित करना और एक व्यक्ति को रोजगार देकर उसे जीवन यापन का साधन उपलब्ध कराना। यह दोनों कार्य डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय और आईसेक्ट पूरी निष्ठा से कर रहा है। यही कारण है कि आज इन दोनों संस्थानों का नाम प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में है।

ऐसी देश भक्ति को सलाम
श्री शर्मा ने कहा कि आईसेक्ट आज प्रदेश के उन क्षेत्रों में शिक्षा और कम्प्यूटर के क्षेत्र में काम कर रहा है, जो बीहड़ और जोखिम भरे क्षेत्र है। सही मायने में यह किसी देश भक्ति से कम नहीं है। ऐसे देश भक्तों को प्रदेश की जनता की ओर से सलाम है। ऐसे काम करने का जज्बा प्रदेश के हर नागरिक में मन में हो तो प्रदेश का सर्वागीण विकास तय है। जिन संस्थानों में ऐसे कर्मठ कार्य करने वाले लोग हों उन संस्थानों को सफल होने से दुनिया ही कोई ताकत नहीं रोक सकती।

sp_aisectशिक्षा की गुणवत्ता ही सबसे बड़ी चुनौती-कुलसचिव
इस अवसर पर डाॅ.सी.वी.रामन् विष्वविद्यालय के कुलसचिव षैलेश पाण्डेय ने कहा कि हर क्षेत्र और हर काम में चुनौतियां है। खास कर शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियां सबसे ज्यादा है, क्योंकि संस्थान के सामने नैतिकता और युवाओं के भविश्य को ध्यान में रखकर काम करना होता है। देश और समाज का भविश्य उनके हाथ में होता है। शिक्षा के क्षेत्र में आज सबसे बड़ी चुनौती शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने की है। इस बात में कोई दो मत नहीं है कि सभी श्रेश्ठ कार्य कर रहे हैं,फिर भी आज समय तेजी से बदला है और इस बदलाव को स्वीकार करके अपने आप को तकनीकी रूप से मजबूत करने की जरूरत है जो व्यक्ति या संस्थान तकनीकी रूप से अपडेट नहीं होगा वह यहां नहीं रूक पाएगा।

श्री पाण्डेय ने बताया कि पूरी दुनिया आज स्किल और डिजीटल विषय में घूम रही है, और हर आने वाला समय स्किल्ड लोगों का ही है। श्री पाण्डेय ने बताया कि केंद्र सरकार डिजीटल इंडिया के नारे साथ आगे बढ़ रही है और हम आज 30 वर्षो से वनांचल,कस्बा,गांव,शहर और महानगर में कर वर्ग के लोगों को स्किल्ड कर रहे हैं। यही कारण है कि केंद्र व राज्य सरकार ने डाॅ.सी.वी.रामन् विवि को प्रदेश का एक मात्र पंडित दीनदयाल कौशल विकास केंद्र स्थापित करने की अनुमति दी और साथ ही साथ छत्तीसगढ़ सरकार ने इस केंद्र का राज्य का रिसोर्स सेंटर घोशित किया है। जिसके माध्यम से हम प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय और काॅलेजों में बी.वोक.व एम.वोक की पढ़ाई करा रहे हैं। श्री पाण्डेय ने बताया कि आईसेक्ट का नेटवर्क सबसे बड़ा नेटवर्क है, देश भर में 23 हजार से ज्यादा सेंटर में हम काम कर रहे हैं। हम डिजीटल इंडिया की राह में सबसे आगे हैं।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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