पौराणिक स्थलों पर एसईसीेएल का स्वच्छता अभियान

BHASKAR MISHRA
2 Min Read

safai_seclबिलासपुर– अविभाज्य मध्यप्रदेश की धरा को ऐतिहासिक और पौराणिक सम्मान हासिल है। पग-पग पर पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक धरोहर यहां कि पहचना है। ऐतिहासिक स्थलों के सामाजिक महत्व को रेखांकित करते हुए साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ने ’’स्वच्छ भारत अभियान’’ के तहत निर्धारित वार्षिक कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य के ’’पाली स्थित शिव मंदिर’’ और मध्यप्रदेश स्थित शहडोल जिले के ’’ग्राम लखवरिया के प्राकृतिक गुफाओं, शिव मंदिर और देवी मंदिर’’ पर स्वच्छता कार्यक्रम अभियान चलाया गया।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                              स्वच्छता अभियान के तहत एसईसीएल के दीपका क्षेत्र की टीम कोरबा जिला अंतर्गत प्रसिद्ध महादेव मंदिर, पाली पहुॅंची। टीम ने साफ-सफाई के साथ-साथ उपस्थित पर्यटकों को ऐतिहासिक धरोहर को साफ-सुथरा रखने का संदेह दिया। मालूम हो कि 11वीं सदी में वाणवंश के राजा और मल्लदेव के सुपुत्र विक्रमादित्य ने पाली मंदिर की स्थापना की थी। रतनपुर के हैहय वंश के राजा जाजल्यदेव प्रथम ने मंदिर परिसर को सुदृढ़ करने का काम किया था।

              हैरिटेज़ स्थलों और स्मारकों को समर्पित स्वच्छता कार्यक्रम के तहत एसईसीएल की दूसरी टीम सोहागपुर क्षेत्र पहुंची।  राजेन्द्रा माईन के नजदीक शहडोल में स्थित ग्राम-लखरिया के प्राकृतिक गुफाओं, शिव और देवी मंदिर को स्वच्छ रखने का संदेश दिया।  माना जाता है कि यहाॅं पायी गयी प्राकृतिक गुफाओं में पाण्डवों ने निवास किया था। माना जाता है कि शहडोल को महाभारत काल में विराटनगर के रूप में जाना जाता है। पाण्डवों ने लखवरिया में गुप्त वास किया था। जिसके प्रमाण अभी भी मौजूद हैं

               नयी पीढ़ी को भारतीय इतिहास, संस्कृति, परंपरा और गाथाओं से अवगत कराना एक महत्वपूर्ण चुनौती है। एसईसीएल का प्रयास निश्चित रूप से लोगो को विरासत से जोड़ना सराहनीय प्रास है। इससे  जागरूकता के साथ ही लोगों को ऐतिहासिक स्थलों के प्रति झुकाव होगा।

close