जैव उत्पाद को दिलाएंगे बाजार…कलेक्टर

BHASKAR MISHRA

DO divasiya karshal javik khati ke samband me (3)बिलासपुर—जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के अंतिम दिन कलेक्टर अन्बलगन पी. ने किसानों से आश्वासन दिया कि जैविक खेती के उत्पादन के लिए बाजार की व्यवस्था की जाएगी। कलेक्टर ने किसानों से कहा कि उनके सभी शंकाओं का समाधान किया जाएगा।

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                              देवकीनंदन दीक्षित सभागृह में आयोजित दो दिवसीय जैविक खेती पर किसान कार्यशाला में आज कलेक्टर ने किसानों को उत्साहित किया। कलेक्टर अन्बलगन पी ने कहा कि जैविक खेती को बढावा देने और विभिन्न गतिविधियों की जानकारी देने के लिए किसानों को मोबाइल से जोडा जाएगा। किसान मोबाइल के जरिए अपनी समस्याओं को विशेषज्ञ के सामने रख सकेंगे। साथ ही नई जानकारी भी हासिल कर सकेंगे।

                                   राज्य जैविक रिसर्च लैबोरेट्री के प्रमुख डाॅ. आर.के.एस. तिवारी ने जैविक खाद एवं जैविक कीटनाशकों पर प्रकाश डाला। कृषि विज्ञान केन्द्र की वैज्ञानिक शिल्पा कौशिक ने जैविक फार्मिंग के लिए उपलब्ध विभिन्न प्रशिक्षण सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जैविक खेती की शुरूआत 45 दिन पूर्व खेतों में ढेचा लगाकर की जानी चाहिए। उन्होने बताया कि ठेंचा मिट्टी से यूरिया के प्रभाव को कम करता है। सीजी एग्रीकाॅन के प्रमुख और वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. संकेत ठाकुर ने जैविक खेती करने के तरीके, खाद-बीज उत्पादन कर आत्मनिर्भरता प्राप्त करने, जैविक उत्पादकों के प्रमाणीकरण के लिए पंजीयन प्रक्रिया आदि पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि दलहन-तिलहन और धान जैसी मोटी फसलों की जैविक खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है।

                                 संकेत ठाकुर ने बताया कि प्राचीन समय में बीज को संस्कारित किया जाता है। किसान भी गोबर, गौमूत्र और घी से बीज को संस्कार करें। उन्होंने बताया कि रासायनिक खाद की अधिकता से मिट्टी असंतुलित हो जाती है। इससे पौधों में कीट प्रकोप ज्यादा होता है। जैविक खेती करने वाले किसान कल्पेश ने व्यवसायिक तरीके से फल-सब्जियों का उत्पादन, मार्केटिंग, खाद्य प्रसंस्करण द्वारा आय बढ़ाने के तरीके किसानों को बताए।

जैविक उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा

            जैविक खेती को बढ़ावा देने और जैविक उत्पादनों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए शहर के माॅल में स्टाॅल लगाया जायेगा। कलेक्टर अन्बलगन पी. ने कहा कि जैविक उत्पादों के उपयोग के लिए लोग जागरूक हो रहे हैं।  माॅल में अधिकतर ऐसे लोग जाते हैं, जिनकी क्रय क्षमता अधिक होती है। ऐसे लोगों को एक ही स्थान पर स्टाॅल में जैविक खेती द्वारा उगाए गए अनाज, फल, सब्जी, दुध एवं अन्य उत्पाद उपलब्ध होंगे। इससे किसानों को अपने उत्पादों की बिक्री करने में सुविधा होगी।

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