बिलासपुर—छत्तीसगढ़ में आये दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर मरवाही विधायक ने चिंता और आक्रोश जाहिर किया है। अमित जोगी ने बताया कि प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में हर साल लगभग 15 हज़ार लोगों के मौत हो जाती है। हज़ारों दुर्घटनाएं ऐसी भी हैं जिसका रिपोर्ट भी नहीं है।जोगी ने कहा कि एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटनाओं की औसत दर 63 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत 326 से गुना है। हज़ारों घर उजड़ रहे हैं। आकस्मिक मृत्यु से परिवारों का भविष्य अंधकार में है और सरकार केवल संवेदना प्रकट करने का काम कर रही है।
कोयला खदानों में चल रहे ट्रॉलों से आये दिन लोगों को कुचलने का मामला उठाते हुए अमित जोगी ने कहा कि सरगुजा जिले में स्थित कोयला खदानों से कोयला ढोकर लखनपुर उदयपुर अंबिकापुर के रास्ते कमलपुर जाने वाले ट्रालों पर शासन प्रशसन का कोई नियंत्रण नहीं है। ट्रालों ने अब तक सैंकड़ों ग्रामीणों को कुचला है। सड़क दुर्घटनाओं की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। सरकार को रफ़्तार नियंत्रित करने सभी ट्रॉलों में डिवाइस लगाकर चेक पॉइंट्स बनाना चाहिए। नियम तोड़ने पर परमिट निरस्त किये जाने चाहिए।
जोगी ने कहा कि ख़राब सड़क अंधे मोड़ त्रुटिपूर्ण सड़क डिज़ाइन शराब बस चालकों की अनियंत्रित गति क्षमता से ज्यादा सवारी जैसे विभिन्न कारणों से हुई मौतों के लिए सीधे तौर पर सरकार जिम्मेदार है । मरने वाले मासूम लोगों के परिवारों को सरकार की संवेदना नहीं ठोस कार्यवाही चाहिए। राज्य में सड़कों का घटिया निर्माण आम बात हो गयी है। लोग ख़राब सड़क की शिकायत कर रहे हैं लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकल रहा ।जोगी ने कहा कि सरकार शराब बंदी का केवल ढोंग कर रही है।
अमित जोगी ने कहा कि बेहतर रोड डिज़ाइन के साथ साथ सरकार गाड़ियों की रफ़्तार को नियंत्रित करने डिवाइस और एंटी कोलिशन डिवाइस लगाने पर काम करे। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने टेक्नोलॉजी के साथ साथ जोगी ने कड़े नियमों के आवशयकता पर जोर देते हुए कहा कि शराब पीकर यात्री वाहन चलाने पर बस चालाक को गिरफ्तार कर बस संचालक का परमिट सरकार को निरस्त करना चाहिए।