बिलासपुर– भूपेश मेरे जन्म संबंधी कुछ कूटरचित दस्तावेजो को अपने हाथ में लहराकर आंदोलन की बात कर रहे है। ये वही दस्तावेज है जिनके आधार पर भाजपा ने 2013 में मुझे विधानसभा चुनाव लड़ने से रोकने का प्रयास किया था। उसका जवाब आदिवासी बाहूल्य मरवाही क्षेत्र के मतदाताओं ने मुझे प्रदेश में सबसे ज्यादा वोटो से विधानसभा में भेजा । भूपेश को भी जवाब छत्तीसगढ़ की जनता उनकी जनसभाओं में लगातार खाली खुर्सियों से दे रही है। मुझे इस्तीफ़ा देकर एक बार फिर चुनाव लड़ने की बात करने वाले भूपेश पहले मेरे जितने रिकॉर्ड मार्जिन से जीत कर तो दिखाएँ। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के नाम से तो उन्हें कपकपी छुटती है, वो किस मुंह से मेरे चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं।
अमित जोगी ने कहा कि भूपेश “जोगी” जाप कर जनता का ध्यान असली मुद्दों से हटा रहे हैं। किसान आत्महत्याओं, सूखा राहत कार्यो में लापरवाही, आउटसोर्सिंग, मनरेगा की बकाया मजदूरी, जनता के साथ सरकार की वादा खिलाफी, पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा बाबा गुरु घासीदास के अपमान पर कोई आंदोलन नही किया। ना ही राज्यपाल से इन अहम विषयों पर हस्तक्षेप करने की मांग की। ऐसे में भूपेश अपने मनोनीत चंद चाटुकारो के साथ राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपना केवल मुख्यमंत्री के गुडबुक में बनने और मुद्दाों से ध्यान हटाने का प्रयास है। सांठगांठ के आरोपों में सच्चाई साबित करने सरकार के विरुद्ध न्यायालय क्यों नहीं जाते भूपेश? मुख्यमंत्री निवास क्यों नहीं घेरते भूपेश? पनामा लीक और राज्य में हो रहे व्यापक भ्रष्टाचार को लेकर क्यों सड़क पर नहीं उतर रहे भूपेश?
अमित जोगी ने भूपेश बघेल को कल जांजगीर में उनके खिलाफ 79 वीं प्रेसवार्ता लेने की बधाई दी। उन्होने कहा कि जिस गति से वे चल रहे है जल्द ही शतक भी पूरा कर लेंगे। अमित जोगी ने भूपेस को न्यौता देते हुए कहा कि सरकार के खिलाफ चलाये जा रहे ग्राम आवाज आंदोलन से जुड़कर प्रदेश के डेड़ करोड़ ग्रामवासियों के अधिकारों के लिए सरकार के खिलाफ साथ में जमीनी लड़ाई लड़े।