अंबिकापुर–सरगुजा लोकसभा क्षेत्र के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे मरवाही विधायक और ग्राम आवाज़ अभियान के संयोजक अमित जोगी जिला मुख्यालय अंबिकापुर से पांच किलोमीटर स्थित ग्राम पंचायत कांतिप्रकाशपुर में चौपाल लगाया। ग्रामवासियों ने बताया कि क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या पीने के साफ़ पानी की है। ग्रामवासी हैंडपंप से निकलने वाला काला पानी पीने को मजबूर है। इस संबंध में कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
कांतिप्रकाशपुर से लौटने के बाद अमित जोगी ने अंबिकापुर में प्रेस वार्ता में कांतिप्रकाशपुर के हैंडपंप से बोतल से भरे काले पानी को पत्रकारों के सामने पेश किया। अमित जोगी ने कहा कि जिला मुख्यालय अंबिकापुर से केवल पांच किलोमीटर की दूरी पर होने के बाद भी कांतिप्रकाशपुर में जीवन अमानवीय है। प्रदेश सरकार किस जुर्म में वनांचल वासियों को काला पानी की सजा दे रही है। लोकसुराज और ग्राम सुराज जैसे अभियानों का मतलब ही क्या रह जाता है।
अमित जोगी ने कहा कि इससे बड़ी विडम्बना क्या हो सकती है कि कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ में कृषक एक एक कर आत्महत्या कर रहा हैं। अभी तक मृत किसानों को मुआवज़ा तक नहीं दिया गया है। अमित जोगी ने कहा कि हर माह की तरह इस माह भी अपना बढ़ा हुआ वेतन नहीं लेंगे। इसे मृत किसान परिवारों को देंगे। जोगी ने अपने सक्षम समर्थकों से अपील की है कि वो आगे आएं और मृत किसानों के परिवारों की आर्थिक सहायता करें।
अमित जोगी ने पत्रकारों से बताया कि सरगुजा समेत प्रदेश के वनांचल क्षेत्रों में जमीन छीनकर देश के कुछ बड़े ताकतवर उद्योगपितयों को दी जा रही है। सरगुजा में कानून नाम की कोई चीज़ नहीं है। ताकतवर और अमीरों के बीच गरीब असहाय पिस रहा है। अरबों के खनिज ठेके उद्योगपतियों को दिए जा रहे हैं। हाथियों की वजह से जान.माल के नुक्सान के बदले गरीब ग्रामीणों को एक ढेला तक नहीं दिया गया है। ऐसे असंतुलित विकास का सबसे बड़ा और जीवंत उदहारण है सरगुजा क्षेत्र।
ग्रामीणों के बीच पहुंचकर अमित जोगी ने आश्वस्त किया कि गरीब अब और नहीं सहेंगे। 2018 में लोगों की सरकार आएगी। गरीब,असहाय, पिछड़ा, दलित और आदिवासी की सरकार बनेगी। इसके पहले जोगी ने कांतिप्रकाशपुर में ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों के सामने सात्र सूत्रीय प्रस्ताव रका। ग्रामीणों ने 7 मांगों के ग्राम आवाज़ प्रस्ताव को सर्वसम्मिति से पारित कर दिया।