रायपुर—वरिष्ठ कांग्रेसी इकबाल अहमद रिजवी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ से एक व्यक्ति को राज्यसभा में लेने की प्रक्रिया में प्रदेश और बाहर से किसी व्यक्ति को लिये जाने की चर्चा दिल्ली के राजनैतिक गलियारों में चल रही है। राज्यसभा में प्रदेश से किसे भेजा जायेगा…मंथन जारी है। हाईकमान का निर्णय सभी को शिरोधार्य है। चयन में व्यक्ति की निष्ठा,छवि और उपयोगिता को आंकने के साथ.साथ भाग्य की भी अहम भूमिका होती है।
रिजवी ने बताया कि राज्यसभा के लिए 1986 में उनका नाम निश्चित था। तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं राजीव गांधी ने उनके नाम पर मुहर लगाया ता। तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षए मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और रायपुर के सांसद मोतीलाल वोरा ने मेरे नाम को सहमति दी थी। किसी कारणवश नामांकन के अंतिम दिन उनके स्थान पर बालाघाट की कांग्रेस नेत्री सईदा खातून को राज्यसभा भेजा गया। कहना उचित होगा कि मेरे भाग्य में उस समय राज्यसभा जाना नहीं लिखा था। इस बात की तस्दीक उपरोक्त पार्टी नेताओं से की जा सकती है।
रिजवी ने बताया है कि अविभाजित मण्प्रण् के मंत्री कन्हैयालाल शर्मा ने उस समय चर्चा के दौरान कहा था कि पार्टी की टिकट और मौत का कोई भरोसा नहीं। कब और किसके पास आ जाये। यह सही भी लगता है वरना उस समय की राज्यसभा में मेरा चयन हो गया होता। भाग्य में नहीं लिखा था। उसी समय चयन प्रक्रिया के दौरान अजीत जोगी पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गये थे। उन्हें भी इस घटनाक्रम की जानकारी है।